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३४९. पत्र : ई० एल० सेलको

लैबर्नम रोड
गामदेवी
बम्बई
जून १९, १९१९

प्रिय महोदय,

भिन्न-भिन्न विषयोंके अध्ययनके लिए मैंने कुछ नवयुवक नियुक्त कर दिये हैं । श्री एस० पी० पटवर्धन, एम० ए० उनमें से एक हैं। उन्हें नमक-करका अध्ययन सौंपा गया है। सार्वजनिक पुस्तकालयों में इस विषयका प्रकाशित समस्त साहित्य नहीं मिलता। आशा करता हूँ कि आपके कार्यालयके पुस्तकालय में कुछ ऐसी पुस्तकें मिल जायेंगी जो अन्य स्थानीय पुस्तकालयों में सुलभ नहीं हैं। आपकी इच्छाके अनुसार श्री पटवर्धन आपके ही कार्यालयमें पुस्तकें पढ़ेंगे और यदि पुस्तकें बाहर ले जाई जाने दी जायेंगी तो वे उन पुस्तकोंको घर ले जाया करेंगे। श्री पटवर्धन खास तौरपर १८७१-७२के लगभग प्रकाशित कैप्टन पोद्दारकी रिपोर्ट और बम्बई सरकार द्वारा १९०५ के लगभग नियुक्त किये गये आयोगकी रिपोर्ट चाहते हैं ।

आपका विश्वस्त,

सेवामें

श्री ई० एल० सेल

कमिश्नर ऑफ कस्टम्स, साल्ट ऐंड एक्साइज़

अंग्रेजी (एस० एन० ६६६७) की फोटो नकलसे ।

 

३५०. भाषण : स्वदेशी-सभामें

बम्बई
जून १९, १९१९

गत गुरुवारकी शामको 'स्वदेशी'पर व्याख्यान करानेके हेतुसे स्वदेशी सभाके तत्त्वावधान में मोरारजी गोकुलदास हॉलमें एक सार्वजनिक सभा हुई; सभा भवन खचाखच भरा हुआ था । सभाको अध्यक्षता गांधीजीने की थी ... ।

अध्यक्षने सभाकी कार्रवाई समाप्त करनेके पूर्व भाषण देते हुए कहा कि श्री जेराजाणी के कथनानुसार शुद्ध स्वदेशी भण्डारकी बिक्री पहले ही दिन १,८०० रुपयेसे अधिक हुई है। इससे सूचित होता है कि भविष्य उज्ज्वल है। आशा इससे बहुत कम की थी। खरीद करनेवालों में हिन्दू-स्त्रियोंकी संख्या बहुत बड़ी थी; पारसी महिलाएँ