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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जिन परिस्थितियोंके कारण सत्याग्रह बन्द किया गया था वे अब नहीं रही है और इस बातकी सावधानी पर्याप्त रूपसे बरतते हुए कि सत्याग्रही लोग शान्ति बनाये रखने के लिए अपने कर्त्तव्यका पालन करते रहें, सत्याग्रह अब बेखटके फिरसे शुरू किया जा सकता है ।

लोगोंको पूर्ण रूपसे व्यस्त रखने तथा उन्हें यह सिखाने के उद्देश्यसे कि सत्याग्रह के सिद्धान्तोंके प्रति सहानुभूति प्रदर्शित करनेका सबसे अच्छा रास्ता यह है कि उनपर अमल किया जाये, मैंने सक्रिय स्वदेशी अभियान शुरू किया है । ६ हफ्तोंकी छोटी-सी अवधि में उसका प्रसार बहुत तेजीसे हुआ है । अनेक भारतीय बहनोंने आन्दोलनमें भाग लेनेवालोंकी सूची में अपने नाम लिखाकर बहादुरीका परिचय दिया है। उन्होंने भारतमें कते सूतसे बुने गये, भारतमें तैयार किये गये कपड़े इस्तेमाल करके स्वयं स्वदेशी- व्रतका पालन किया है - इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने हथकरघे लगाये हैं और उनपर काम करनेके लिए आदमियोंकी भी खोज कर ली है । स्वदेशी आन्दोलनके साथ सच्ची सहानुभूति रखनेवालेका कर्त्तव्य केवल यही नहीं है कि वह स्वदेशी कपड़े पहना करे, बल्कि उनको तैयार करानेमें भी सहायक हो । बम्बईमें शुद्ध स्वदेशी स्टोर खोले जा चुके हैं और अन्य केन्द्रोंमें भी इस प्रकारके स्टोर शीघ्र खोले जानेवाले हैं। शुद्ध स्वदेशी तभी माना जायेगा जब हाथके कते सूतसे बुने कपड़े पहने जायेंगे। हाँ, यह जरूर है कि इस प्रारम्भिक अवस्थामें बढ़िया स्वदेशी कपड़ेका मिलना सम्भव न होगा; परन्तु इसकी परवाह न करनी चाहिए ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १२-९-१९१९
 

३४८. बी० जी० हॉर्निमैनका अभिनन्दन

बम्बई
जून १९, १९१९

श्री हॉर्निमैनके बारेमें मैं कह सकता हूँ कि मैं उनके बारेमें जितना अधिक जानता गया उतना ही अधिक उनके प्रति मेरा प्रेम बढ़ता गया। जिस निर्भीकता और आत्मविश्वासके साथ उन्होंने पत्रकारिताके क्षेत्रमें सेवाकार्गांध

मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]
बाम्बे कानिकल, १९-६-१९१९