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पत्र : जी० ए० नटेसनको


कर्त्तव्यका पालन करना होगा। हमें सभाएँ करनी चाहिए और उनमें इसी प्रकारके प्रस्ताव पास करने चाहिए। ऐसा करनेपर हमारे उद्देश्य सुगमतासे पूरे हो जायेंगे ।

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल, २५–६-१९१९
 

३५४. पत्र : जी० ए० नटेसनको

बम्बई
जून २५, १९१९

प्रिय मित्र,

इस प्रान्तके लिए जारी की गई ये हिदायतें[१]संलग्न हैं । आप देखेंगे कि मैंने इन्हें कार्य समितिके[२]द्वारा दिये गये अधिकारके बलपर जारी किया है । मेरा सुझाव यह है कि यही चीज, आवश्यक परिवर्तनोंके साथ मद्रास प्रान्तमें भी की जाये। मैं तो वहाँ मद्रासके सिवा केवल दो ही केन्द्र जानता हूँ - तिरुचिनापल्ली और मदुरा । आपको मेरी अपेक्षा अधिक जानकारी है। इसलिए अपने प्रान्तके लिए आप जो ठीक समझें वह करें। मैं सब कुछ आपपर छोड़ रहा हूँ। अगर अन्य कोई सत्याग्रही जेल जाने को तैयार न हुआ तो इसमें दुःखकी कोई भी बात न होगी। जो मैं प्रायः कहता रहा हूँ उसे याद रखें "विजयके लिए केवल एक सत्याग्रही ही काफी है ।" यह बात रोज - बरोज मेरे दिमागमें साफ होती जा रही है । जिस प्रकार खरा सिक्का पूरे दामों पर जाता है उसी प्रकार खरा सत्याग्रही अपने पूरे मूल्यको लाता है अर्थात् मनोवांछित फलको प्राप्त करता है । खरे सिक्कोंमें मिलकर खोटे या घटिया सिक्के खरोंकी कीमत कुछ समयके लिए घटा देते हैं । उसी प्रकार मुझे ऐसा लगता है कि सत्याग्रह संघ (सभा) सब प्रकारके सत्याग्रहियोंकी एक मिश्रित संस्था है इसलिए शुद्ध सत्याग्रहकी दृष्टिसे त्रुटिपूर्ण है । मैं इस संस्थाके मिश्रित रूपपर दुःखी नहीं हूँ; मैं तो सिर्फ यह कहना चाहता हूँ कि गत अप्रैलमें हमें कुछ दिनोंके लिए जो पीछे हटना पड़ा था उसका आध्यात्मिक कारण क्या था । खराबीसे भी अच्छाई निकला करती है। सत्याग्रहमें तो यह सदा हुआ करता है । परन्तु अब मैं पत्र समाप्त करता हूँ। आज सुबह जो विचार मेरे मनमें उठे थे उनसे आपको अवगत करानेके लिए मैंने इतना लिख दिया । (इस समय सुबहके साढ़े छः बजे हैं) आपको यह सब लिखनेका कारण यह है कि आप तथा अन्य कुछ इने-गिने लोगोंके कंधोंपर सत्याग्रहका बोझ रहेगा । श्री मॉण्टेग्युको जो तार भेजा जा रहा है उसकी नकल भी इस पत्रके साथ नत्थी है ।

 
  1. देखिए “सत्याग्रहियोंको हिदायतें", ३०-६-१९१९ । प्रतीत होता है कि पत्रके साथ इन्हींका मसविदा भेजा गया था। इन हिदायतोंपर गांधीजीकी गिरफ्तारीके पश्चात् अमल किया जाना था। देखिए "पत्र : एच० एस० एल० पोलकको", २७-६-१९१९ ।
  2. जून १५, १९१९ का सत्याग्रह सभाका प्रस्ताव यहाँ नहीं दिया जा रहा है।