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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

१९. सभाकी वार्षिक सर्वसामान्य बैठक अगस्त महीने में होगी और उसके काम होंगे :

(क) वार्षिक रिपोर्ट और हिसाब-किताबका जाँचा हुआ विवरण प्राप्त और स्वीकार करना;
(ख) अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, तीन मन्त्रियों, दो कोषाध्यक्षों, दो लेखा-परीक्षकों और प्रबन्ध समितिका चुनाव करना;
(ग) ऐसे अन्य कार्योंको निबटाना जिनके विषय में पहले ही सूचना दी

जा चुकी हो ।

२०. मन्त्रिगण पतों सहित सदस्योंके नामकी एक सूची अपने पास रखेंगे; वे ऐसे लोगों के नाम और पतोंकी सूची भी अपने पास रखेंगे जो सभामें तो शामिल नहीं हुए हों लेकिन जिन्होंने स्वदेशीकी प्रतिज्ञा ली हो ।

२१. मन्त्रिगण प्रबन्ध समितिकी सभी बैठकों और सभाकी सर्वसामान्य बैठकोंकी कार्रवाईका विवरण लिखेंगे ।

२२. कोषाध्यक्षगण चन्दा एकत्र करेंगे, प्रबन्ध समिति के निर्देशोंके अधीन सभाके कोषकी देख-रेख करेंगे, नियमित रूपसे हिसाब-किताब रखेंगे और हर तीन महीनेके बाद हिसाबका लेखा पेश करेंगे, और उसमें अगर किसीने सभाका देयक न दिया हो तो उसकी ओर प्रबन्ध समितिका ध्यान दिलायेंगे ।

२३. प्रबन्ध समिति बिना कोई कारण बताये अपने कुल सदस्योंके दो-तिहाई बहुमतकी सहमति सभाके किसी भी सदस्यको निष्कासित कर सकती है।

२४. सभी सदस्योंको सभामें दाखिल होनेके तीन महीने के भीतर चन्देकी सारी रकम दे देनी होगी और उसके बादसे ये रकमें सभाके कार्यकारी वर्षके प्रारम्भ होनेके तीन महीने के भीतर चुकानी होंगी। अगर किसी सदस्यपर चन्देकी रकम बकाया रह जाये तो मन्त्रिगण उसे अदायगी करनेका नोटिस देंगे और अगर वह ऐसा नोटिस प्राप्त मोनेके एक महीने के भीतर चन्दा नहीं दे देता तो प्रबन्ध समिति उसका नाम सदस्योंकी सूचीसे अलग कर देगी ।

२५. उपरोक्त नियमों में सभाकी इच्छानुसार परिवर्तन और परिवर्धन किया जा सकेगा ।

अनुसूची
स्वदेशीकी प्रतिज्ञा
शुद्ध स्वदेशीकी प्रतिज्ञा[१]
मिश्रित स्वदेशीको प्रतिज्ञा[२]
तीसरी प्रतिज्ञा

मैं गम्भीरतापूर्वक घोषित करता हूँ कि आजसे अपने उपयोगके लिए ऐसे कपड़े ही खरीदूँगा जो भारतीय या विदेशी रुई, ऊन या रेशमसे भारत और विदेशोंमें काते गये सुतसे भारत में बुना गया हो ।


  1. देखिए “स्वदेशीव्रत",१३-५-१९१९ ।