पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/५६०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
५३०
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

बनानेके लिए अधिकांश कच्चा माल यहीं उपलब्ध है । औद्योगिक विकासमें शिक्षित समाज आज जो अभिरुचि दिखा रहा है अगर हम उसे कायम रख सकें और जो पैसा जमीनमें गाड़ दिया जाता है उसे लोगोंको उद्योग-धंधों में लगानेके लिए राजी कर सकें तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम उत्तरोत्तर प्रगति करते रहेंगे ।

हो सकता है, मैं आपके आदर्शको गलत समझ रहा होऊँ । लेकिन मेरी समझसे वह है कारखाना-प्रणालीकी बढ़तीको रोककर देशके कुटीर उद्योगोंको सुरक्षित और विकसित करना । उस आदर्शसे "मेरी पूरी सहानुभूति है । चाहे यहाँकी बात लें या पश्चिमी दुनियाकी, जो कोई भी कारखानोंकी स्थितिका सर्वेक्षण करेगा वह उनकी विरूपता देखकर संत्रस्त हुए बिना नहीं रह सकता ।" किन्तु यहाँ फिर मेरा विश्वास यह है कि इसका सही हल कुटीर-उद्योगोंको सहकारिताके आधारपर संगठित करना है, जिसमें कम पूँजी लगाई जाये और वितरणकी सहकारी व्यवस्था अपनाई जाये । एक वर्षतक केन्द्रीय सहकारी बैंक (सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक) के एक प्रवर्तक निदेशककी हैसियतसे इस कार्य में कुछ थोड़ी-सी सहायता करनेका सौभाग्य मुझे भी मिला है।

इसलिए यदि मैं स्वदेशीकी प्रतिज्ञा न ले सकूँ तो मैं जानता हूँ, आप मेरे इस आश्वासनको भरोसे के साथ स्वीकार करेंगे कि इसका कारण यह नहीं है कि स्वदेशी आन्दोलनसे मेरी सहानुभूति नहीं है, क्योंकि सत्य यह है कि उसके प्रति मेरी गहरी सहानुभूति है और बहुत अधिक दिलचस्पी भी, किन्तु इसके लिए मुझे काम अपने तरीकेसे ही करना है और "यदि हाथकरघेसे बुनाई करनेवाले लोग पूँजीके रूपमें कोई सहायता चाहते हों तो वह उन्हें सुलभ करानेके लिए मैं कुछ भी उठा नहीं रखूँगा ।

हृदयसे आपका,
स्टैनली रोड

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, ११-६-१९१९

परिशिष्ट ५

गांधीजीके साथ हुई भेंटपर अहमदाबादके जिलाधीशका नोट

[ मई ११, १९१९ के बाद ]

श्री गांधीने बताया कि उन्होंने अपने आश्रमके निवासियोंको दंगाइयोंकी शिनाख्तीके सम्बन्धमें गवाही देनेसे मना नहीं किया है। जिसने भी उनसे सलाह माँगी उसे उन्होंने यही सलाह दी कि वह अपनी अन्तरात्माका अनुसरण करे, किन्तु साथ ही कहा कि मेरे विचारसे, जो लोग आश्रमके नियमोंका पूरी तरह पालन करते हैं, उनका दूसरोंको किसी अभियोग में फँसानेके लिए गवाही देना संगत बात न होगी। उन्होंने उन लोगोंको गवाही न देने पर कानूनन दण्ड- जुर्माना झेलनेके खतरेके प्रति भी सचेत कर दिया है ।