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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

जनवरी २० : बम्बईमें डॉक्टर दलालने गांधीजीके बवासीरका आपरेशन किया।

जनवरी २७ : बम्बईके मिल मजदूरोंकी हड़तालकी समाप्तिकी घोषणा । नरहरि परीखको लिखे पत्र में गांधीजीने दूध न पीनेकी शपथके बारेमें अपने विचार प्रकट किये।

जनवरी ३० : अली भाइयोंके कानूनी सलाहकारको पत्र द्वारा यह विश्वास दिलाया कि उनकी रिहाईके लिए कार्रवाई की जायेगी । इलाहाबादके नये अंग्रेजी दैनिक 'इंडिपेंडेंट' को शुभ कामनाएँ भेजीं ।

फरवरी २ : रौलट-विधेयकोंके खिलाफ बम्बई होमरूल लीगकी विरोध सभा । शंकरलाल बैंकरके नाम गांधीजीका पत्र पढ़कर सुनाया गया।

फरवरी ६ : दिल्लीमें वाइसरायने शाही परिषद् के सत्रका उद्घाटन किया । रौलट - विधेयक प्रस्तुत किये गये । गांधीजीने स्वामी सत्यदेवको पत्रमें लिखा कि मद्रास प्रान्तमें हिन्दी-प्रचारके लिए क्या किया जाये ।

फरवरी ७ : रौलट-विधेयकोंपर शाही परिषद् में वाद-विवाद । परिषद् के भारतीय सदस्योंके विरोध करनेपर भी विधेयक प्रवर समितिके सुपुर्द ।

फरवरी ८ : गांधीजीने पंडित मालवीयको देशव्यापी आन्दोलन चलानेका सुझाव देते हुए पत्र लिखा ।

फरवरी ९ : रौलट-विधेयकोंके विरोधमें सत्याग्रह आन्दोलनपर वी० एस० श्रीनिवास शास्त्रीको पत्र ।

फरवरी १० : शाही परिषद् में सर डब्ल्यू० विन्सेंटने घोषित किया कि रौलट अधिनियम ३ वर्ष तक लागू रहेगा । दूसरा रौलट विधेयक पेश किया गया और गैर-सरकारी सदस्योंके एक स्वरसे विरोध करनेपर भी प्रवर समितिके सुपुर्द कर दिया गया ।

फरवरी १२ : गांधीजीने सर डब्ल्यू० विन्सेंटसे यह मालूम करनेके लिए पत्र लिखा कि अली भाइयोंके बारेमें सरकारने क्या फैसला किया है।

फरवरी १७ : आश्रमवासियोंके असंतोषके बारेमें गांधीजीका साबरमती आश्रममें भाषण ।

फरवरी २० : वाइसरायके निजी सचिवको अली भाइयोंकी रिहाईके बारेमें पत्र । अफगानिस्तानके अमीर हबीबुल्लाकी हत्या ।

फरवरी २३ : तिलकके मुकदमा हार जानेका समाचार ।

फरवरी २४ : सावरमती आश्रमकी सभामें गांधीजी तथा अन्य लोगोंने सत्याग्रह-प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर किये । गांधीजीने वाइसरायके निजी सचिवको अपने सत्याग्रह सम्बन्धी निर्णयकी सूचना तार द्वारा दी ।

फरवरी २५ : पंडित मालवीयको तार द्वारा सूचित किया कि वे रौलट-विधेयकोंके कारण कांग्रेस शिष्टमण्डलके साथ इंग्लैंड नहीं जायेंगे । सी० एफ० एण्ड्रयूज, के० नटराजन, स्टैनली रीड और दिनशा वाछाको सत्याग्रह- प्रतिज्ञाके बारेमें लिखा ।