पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/५६८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
५३८
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

दक्षिण आफ्रिकामें रहनेवाले भारतीयोंकी दुर्दशाके विषयम अखबारोंको पत्र।

फरवरी २६ : सत्याग्रह-प्रतिज्ञाके बारेमें अखबारोंको पत्र । सत्याग्रह-सभाकी समितिने सत्याग्रह-प्रतिज्ञापर लोगोंसे हस्ताक्षर लेनेके सम्बन्धमें स्वयंसेवकोंके लिए गांधीजीकी हिदायत जारी कीं । अन्तर्जातीय विवाहों और पटेल विवाह-विधेयकपर अपने विचार विस्तारसे व्यक्त करते हुए 'इंडियन सोशल रिफॉर्मर को पत्र लिखा । साबरमती में खोली गई राष्ट्रीय शालाके बारेमें समाचारपत्रोंको पत्र ।

मार्च १ : 'सत्याग्रही' पत्रक - संख्या १ जिसमें थोरोके कुछ विचार उद्धृत थे, प्रकाशित किया गया ।

रौलट - विधेयकोंपर तैयार की गई प्रवर समितिकी रिपोर्ट जिसमें भारतीय सदस्योंने अपनी विमति टिप्पणी दी थी, शाही परिषद् में पेश की गई । बम्बई में, सत्याग्रह सभाके तत्त्वावधानमें शपथ लेनेवाले व्यक्तियोंकी एक बैठक में, कार्यकारिणी समितिकी नियुक्ति; गांधीजी इसके अध्यक्ष बनाये गये ।

मार्च २ : सत्याग्रह-सभाकी कार्यकारिणी समितिने कोष एकत्रित करने तथा प्रचार कार्यके निमित्त एक उपसमितिकी नियुक्ति की ।

वाछा, बनर्जी, शास्त्री, शफी तथा अन्य सज्जनोंने अनाक्रामक प्रतिरोधके विरोध में एक ज्ञापन प्रकाशित किया ।

इलाहाबाद में पंडित मोतीलाल नेहरूकी अध्यक्षतामें की गई एक सभामें अनेक लोगोंने सत्याग्रह - शपथ ली ।

मार्च ४ : बंगाल राष्ट्रवादियोंके सम्मेलनमें गांधीजीका तथा सत्याग्रहका समर्थन किया गया।

मार्च ६ : गांधीजी दिल्लीमें । वाइसरायसे मुलाकात ।

मार्च ७ : गांधीजी दिल्लीकी विरोध सभामें उपस्थित हुए । महादेव देसाईने उनका भाषण पढ़ सुनाया ।

गृह-सचिव सर जेम्स डुबाउलेसे भेंट की ।

मार्च ८ : सर डब्ल्यू० विन्सेंटने रौलट विधेयकके दूसरे भागपर प्रवर समितिकी रिपोर्ट प्रस्तुत की । गांधीजीने अपने सत्याग्रह-सम्बन्धी निर्णय तथा अन्य नेताओंसे अपने मतभेदके कारणोंके सम्बन्धमें श्रीनिवास शास्त्रीको पत्र लिखा ।

मार्च ११: लखनऊ में सत्याग्रह के समर्थकों द्वारा आयोजित सभा में भाषण ।

कुछ लोगोंने प्रतिज्ञापर हस्ताक्षर किये । गांधीजीने वाइसरायके निजी सचिवको तार और पत्र भेजकर यह प्रार्थना की कि रौलट-विधेयक पास न किये जायें । सैयद हुसेनकी अध्यक्षतामें हुई इलाहाबादकी सत्याग्रह सभामें भाग लिया; महादेव देसाईने गांधीजीका भाषण पढ़कर सुनाया ।

मार्च १२ : रौलट - विधेयकोंपर शाही परिषद् में बहस । प्रवर समिति द्वारा संशोधित रूपमें विधेयकपर विचार करनेका प्रस्ताव पास किया गया ।