ट्रिप्लिकेन बीच, मद्रासमें सत्याग्रह सभाका आयोजन । गांधीजीका भाषण पढ़कर सुनाया गया ।
मार्च ३१ : दिल्ली में शोक । शहरमें फौजी शासन ।
अप्रैल १ : गांधीजी बैजवाड़ासे बम्बईके लिए रवाना । सिकन्दराबादमें दिन-भर ठहरे ।
अप्रैल २ : दिल्लीके दंगोंके सम्बन्धमें भारत सरकारकी विज्ञप्ति ।
अप्रैल ३ : गांधीजी बम्बई पहुँचे ।
दिल्ली द्वारा रौलट-अधिनियमके विरोधपर तारसे स्वामी श्रद्धानन्दको साधुवाद । दिल्लीकी घटनाओंके सम्बन्ध में समाचारपत्रोंको पत्र ।
वी० एस० श्रीनिवास शास्त्रीको तार दिया कि रौलट विधेयकोंके खिलाफ हमारी लड़ाई उनके पीछे हुई दमनकी भावनाके खिलाफ है ।
अप्रैल ५ : रौलट अधिनियमपर सरकारी विज्ञप्ति ।
गांधीजीने स्वामी श्रद्धानन्दको तार भेजकर प्रार्थना की कि मृत तथा घायल लोगोंके आश्रितोंकी मदद की जाये ।
आन्दोलनके सम्बन्धमें सन्देश भेजने के लिए रवीन्द्रनाथ ठाकुरको पत्र लिखा ।
अप्रैल ६ : समस्त भारतमें सत्याग्रह दिवस मनाया गया ।
बम्बई में चौपाटीपर गांधीजीकी अध्यक्षतामें सार्वजनिक सभा ।
जमनादासने गांधीजीका भाषण पढ़कर सुनाया ।
माधवबागमें प्रार्थना । गांधीजीने मुसलमानोंकी तथा स्त्रियोंकी सभा में भाषण दिया ।
मद्रासके लोगोंको सन्देश भेजा ।
पंडित मालवीयने शाही परिषद्की सदस्यतासे त्यागपत्र दिया ।
अप्रैल ७ : गांधीजीके पंजीकृत पत्रक "सत्याग्रही" के प्रथम अंकका प्रकाशन; मूल्य १ पैसा ।
सत्याग्रह-सभा बम्बईने निषिद्ध साहित्य तथा समाचारपत्र पंजीयन सम्बन्धी कानूनों का उल्लंघन करनेके विषयमें वक्तव्य जारी किया । बम्बई में सत्याग्रहियों द्वारा निषिद्ध साहित्यकी बिक्री ।
अप्रैल ८ : गांधीजीने पत्रकोंमें हिन्दू-मुस्लिम ऐक्य और स्वदेशी व्रतका स्पष्टीकरण किया ।
सी० आर० दासको कलकत्ते में किये गये सत्याग्रह-दिवस प्रदर्शनके सम्बन्धमें तार । पुलिस कमिश्नर बम्बई द्वारा ट्रामगाड़ियोंको रोकने के सम्बन्धमें लगाये गये आरोपोंका पत्र लिखकर खण्डन किया । दिल्लीके लिए रवाना ।
अप्रैल ९ : दिल्ली जाते हुए पंजाब और दिल्लीमें प्रवेश न करनेका आदेश कोसी स्टेशन- पर प्राप्त ।
देशवासियोंके नाम सन्देशमें कहा कि मेरी गिरफ्तारीपर रोष और हिंसा न की जाये ।
रामनवमीका उत्सव । अमृतसरमें शान्तिपूर्ण जुलूस ।