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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

अप्रैल १० : गांधीजीने कोसीमें दिये गये निषेधात्मक आदेशका उल्लंघन किया ।

गिरफ्तार करके बम्बई भेज दिये गये ।

गिरफ्तारी के विरोध में समस्त भारतमें हड़ताल ।गिरफ्तारीको खबर पानेपर अहमदाबादमें आगजनी, दंगा और जनता द्वारा हिंसात्मक कृत्य । पुलिस द्वारा गोली चलाई गई। यूरोपीय लोगोंकी हत्या, स्टेशनके माल गोदामों तथा मिलोंका जलाया जाना ।

डॉ० सत्यपाल और डॉ० किचलूकी गिरफ्तारी तथा उनका अमृतसरसे निष्कासन ।

जनता भड़क उठी, पुलिसने गोलियाँ चलाई। अनेक अंग्रेज मारे गये ।

लाहौर में पुलिस द्वारा गोली चलाई गई ।

अप्रैल ११ : गांधीजी बम्बई लाये गये और रिहा कर दिये गये ।

बम्बई में चौपाटीकी सार्वजनिक सभामें भाषण । सत्याग्रहियोंको चेतावनी ।

स्वामी श्रद्धानन्दको तार । लोगोंसे हिंसा न करनेकी अपील । देशव्यापी हड़ताल जारी ।

बम्बई में गिरफ्तारियाँ । अहमदाबादमें जनता द्वारा दंगा ।

तारघर और कलक्टरका दफ्तर जला डाले गये ।

अप्रैल १२ : सत्याग्रह के सम्बन्धमें रवीन्द्रनाथ ठाकुरने गांधीजीको पत्र लिखा ।

बम्बई में समाचारपत्रोंके प्रतिनिधियोंकी गांधीजीसे भेंट ।

गांधीजी वस्त्र-विक्रेताओं और मारवाड़ी संघको सभामें गये ।

अहमदाबादकी दुर्घटनाओंका समाचार सुनकर विचलित हुए। अहमदाबादके लिए रवाना ।

बादशाही मस्जिद, लाहौरमें सभा । फौज द्वारा गोली चलाई गई। रेलगाड़ियोंका पटरी से उतारा जाना तथा जलाया जाना ।

बम्बई, वीरमगाँव, नडियाद और अमृतसरमें दंगे; कलकत्ते में दंगा और रक्तपात ।

अप्रैल १३ : अनसूयाबेनके साथ अहमदाबाद पहुँचे । अहमदाबादके नागरिकोंके नाम सन्देशमें उनसे शान्त रहने और हुक्मोंकी तामील करनेकी प्रार्थना की। अमृतसर में जलियाँवाला बागकी सार्वजनिक सभामें कत्लेआम ।

अप्रैल १४ : हड़ताल ; गुजरांवाला में बम विस्फोट और भारी दंगे; अमृतसर, लाहौर आदिमें टेलीग्राफके तारोंका काटा जाना ।

पंजाब में मार्शल लॉ जारी किया गया ।

सत्याग्रह आन्दोलनपर भारत सरकारको विज्ञप्ति ।

गांधीजीका साबरमतीमें आयोजित सार्वजनिक सभामें भाषण ।

हिंसा करनेपर लोगोंकी भर्त्सना; प्रायश्चित्त स्वरूप तीन दिनके उपवासकी :

घोषणा । वाइसरायके निजी सचिवको दंगोंके सम्बन्धमें पत्र ।

'सत्याग्रही' का दूसरा अंक प्रकाशित ।

अप्रैल १५ : गांधीजीने दंगोंमें मारे गये या घायल हुए अंग्रेजोंके नाम जाननेके लिए अहमदाबादके कलक्टरको पत्र लिखा ताकि उनके परिवारोंको आर्थिक सहायता दी जा सके ।