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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मई १२ : सफलतापूर्वक हड़ताल करनेपर बम्बईके नागरिकोंको बधाई दी ।

मई १३ : 'शुद्ध' और 'मिश्रित' स्वदेशी प्रतिज्ञापर प्रकाश डालते हुए 'यंग इंडिया 'में लेख । स्वदेशी व्रतपर हस्ताक्षर करनेवाले ४७ व्यक्तियोंके नाम प्रकाशित । 'इंडिपेंडेंट' के दफ्तर में पुलिसका छापा ।

मई १५ : साउथबरो कमेटीकी रिपोर्ट प्रकाशित ।

गांधीजीने वाइसरायके निजी सचिवको गोवर्धनदासकी गिरफ्तारी तथा 'ट्रिब्यून' के सम्पादककी पैरवीके सम्बन्धमें तार भेजा ।

मई १६ : वाइसरायके निजी सचिवको पत्र लिखा जिसमें पंजाबके दंगोंकी विस्तृत जाँच करानेकी माँग की।

मई २० : सूरतके सत्याग्रहियोंको सन्देश ।

मई २१ : बम्बई में २८ मईको होनेवाले सत्याग्रहियोंके सम्मेलनके बारेमें एक परिपत्र जारी किया ।

मई २५ : बम्बईके गवर्नरके निजी सचिवको, काठियावाड़के दो निवासियोंके नाम ब्रिटिश भारत छोड़कर चले जानेके सरकारी हुक्मनामेके सम्बन्ध में पत्र लिखा और उनका ध्यान फॉरेनर्स ऐक्ट (१८६४) के १९१४ में किये गये संशोधनकी ओर आकृष्ट किया ।

साबरमती में ।

मई २६ : सर माइकेल ओ'डायरसे सर एडवर्ड मेकलेगनने पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर का कार्यभार लिया ।

मई २७ : 'बॉम्बे क्रॉनिकल' से ५,००० रु० की अस्थायी जमानत तलब की गई ।

मई २८ : बम्बईमें सत्याग्रहियोंके सम्मेलनमें गांधीजीका भाषण । गांधीजीने 'हिन्द स्वराज्य' के पुनर्मुद्रित संस्करणका प्राक्कथन लिखा ।

मई २९ : ई० एस० मॉण्टेग्युने हाउस ऑफ कॉमन्समें गवर्नमेंट ऑफ इंडिया विधेयक प्रस्तुत किया ।

मई ३० : गांधीजीने वाइसरायके निजी सचिवको पंजाब में मार्शल लॉके प्रशासनके सम्बन्धमें पत्र लिखा ।

रौलट-अधिनियम के सम्बन्धमें एच० एस० एल० पोलकको पत्र ।

मई ३१ : बा० गं० तिलकके सम्मानार्थ बम्बईमें आयोजित सार्वजनिक सभाकी अध्य- क्षता की।

सभाने निश्चय किया कि तिलक द्वारा सर वेलेंटाइन शिरोलके खिलाफ इंग्लैंडमें चलाये गये मुकदमेके व्ययको निभानेके लिए धन एकत्रित किया जाये ।

जून १ : रवीन्द्रनाथ ठाकुरने 'नाइट' की उपाधिका परित्याग किया।

जून ३ : पण्डित मालवीय वाइसरायकी परिषद् के सदस्य पुनः निर्वाचित ।

जून ५ : हाउस ऑफ कॉमन्समें गवर्नमेंट ऑफ इंडिया विधेयकका द्वितीय वाचन ।

जून ९ : कालीनाथ रायके मुकदमेके फैसलेके बारेमें गांधीजीने वाइसरायके निजी सचिव- को पत्र लिखा ।

'बॉम्बे क्रॉनिकल' से १०,००० रु० की जमानत माँगी गई ।