अप्रैल ३० : ' टकाडा' जहाजसे लिखे गये बी० जी० हॉर्निमैनके पत्रको एक पत्रकमें प्रकाशित किया ।
- सर स्टैनली रोड तथा बम्बईके गवर्नरको स्वदेशी प्रतिज्ञाका प्रारूप भेजा ।
सिन्धके सत्याग्रहियोंसे प्रार्थना की कि मुकदमे आदिके बावजूद वे शान्त रहें ।
- कसूरके उपद्रवोंके मुकदमेका फैसला सुनाया गया ।
मई २ : गांधीजीने एक सत्याग्रह पत्रकमें लिखा कि यदि रौलट-कानून रद न हुआ तो वे जुलाईके आरम्भमें सविनय अवज्ञा शुरू कर देंगे ।
मई ३ : बिहार बागान मालिक संघके मन्त्रीको पत्र ।
मई ४ : साम्प्रदायिक एकताके लिए हिन्दुओं और मुसलमानोंके मिश्रित आयोग सम्बन्धी विचारकी सराहना करते हुए मौलाना अब्दुल बारीको पत्र लिखा ।
- बम्बईकी बैठक में सत्याग्रह सभाने हॉर्निमैनके देशनिकालेके विरोध में ११ मईको उपवास, हड़ताल इत्यादि करनेका निश्चय किया ।
मई ५ : गांधीजीने वाइसरायको स्वदेशी प्रतिज्ञाका प्रारूप भेजा ।
- अहमदाबादके दंगोंके सम्बन्ध में शिक्षित पुरुषोंको लपेटनेके आरोपके बारेमें वहाँके जिलाधीशको पत्र लिखा।
- मगनलाल गांधीको पत्र लिखा कि आश्रममें सूत कातनेका काम अवश्य होना चाहिए।
मई ६ : हॉर्निमैनके सम्मानार्थ हड़ताल आदिके सम्बन्धमें अपने विचार समझानेके लिए बम्बई में सभाका आयोजन ।
मई ७ : वाइसरायके निजी सचिवने गांधीजीको पत्र लिखकर अफगानिस्तानकी स्थिति पर भारतीय लोकमत बनानेके लिए सहायता माँगी।
११ मईको हड़ताल आदि करनेके सम्बन्धमें गांधीजीका सन्देश ।
- 'यंग इंडिया' के नये संस्करणके खण्ड १, संख्या १ का प्रकाशन । पत्र, सप्ताहमें दो—बार प्रति बुधवार और शनिवारको — गांधीजीकी देखरेख में बम्बई से प्रकाशित ।
मई ८ : बम्बई में स्त्रियोंकी सभामें गांधीजीका भाषण । सत्याग्रहके धार्मिक महत्त्वके सम्बन्धमें एक पत्रक प्रकाशित ।
मई ९ : बम्बई में अंजुमन जियाउल इस्लामकी एक विशेष सभामें जिसके अध्यक्ष एम० टी० कादरभाई थे, गांधीजीने खिलाफतपर भाषण दिया ।
मई १० : एनी बेसेंटको पत्र लिखा जिसमें उनके द्वारा लगाये गये आरोपोंके सम्बन्धमें दुःख प्रकट किया ।
मई ११ : हॉर्निमैनके सम्मानमें बम्बई में हड़ताल ।
- एनी बेसेंटने होमरूल लीगकी अध्यक्षतासे त्यागपत्र दिया ।
- गांधीजीने वाइसरायके ७ मईके पत्रके उत्तरमें अपनी सहायताका विश्वास दिलाया ।
- गांधीजीने अहमदावादके जिलाधीशको अहमदाबादके दंगोंके अभियुक्तोंकी शिनाख्तके बारेमें तार दिया ।