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२३०. पत्र : सर जॉर्ज बार्द्धको

[दिसम्बर १९, १९१९ के बाद]

[सर जॉर्ज जार्ज,

वाणिज्य और उद्योग विभाग
भारत सरकार
नई दिल्ली]

प्रिय सर जॉर्ज बार्न्स,

डाक विभागके कई क्लर्क मुझसे आकर मिले हैं। वे सन् १९१८ से वेतनवृद्धिकी माँग कर रहे हैं पर अभीतक कुछ भी वेतनवृद्धि स्वीकार नहीं हुई है। उन्हें हाल ही में मालूम हुआ है कि तार-कर्मचारियोंको कुछ वेतनवृद्धि दी गई है। सबसे अन्तिम उत्तर जो उन्हें मिला है उसपर पंजाबके पोस्टमास्टर जनरलके हस्ताक्षर हैं और वह इस प्रकार है :

 

डाक और तार-विभाग
विशेष परिपत्र संख्या ११

लाहौर
दिसम्बर १९, १९१९

पंजाब और उत्तर-पश्चिमी सीमाप्रान्त क्षेत्रके
सभी सुपरिंटेंडेंटों, हेड और सब-पोस्टमास्टरोंको
मुझे क्लर्क-वर्गके वेतनमें वृद्धिके सम्बन्धमें कर्मचारियोंके कई तार और प्रार्थनापत्र मिले हैं। इन प्रार्थनापत्रोंसे लगता है जैसे इस सम्बन्धमें अभीतक कुछ हुआ ही न हो। ऐसी बात नहीं है। वर्षके प्रारंभ में ही डायरेक्टर जनरल महोदयने यह सवाल हाथमें लिया था और उनके सुझाव भारत सरकारके सामने रखे गये थे। योजना बड़ी है और इस समय भारत मंत्रीके सामने हैं। यह आशा की जाती है कि इस मासके अन्ततक उनकी आज्ञा प्राप्त हो जायेगी और नये वेतन-क्रम पीछेकी तिथिसे लागू होंगे। जो देरी हुई है, और जिसके लिए डायरेक्टर जनरल महोदय जिम्मेदार नहीं हैं, उसके लिए मुझे दुःख है, और इस बीच भारत सरकार और वाइसरायको तार और प्रार्थनापत्र भेजना धन तथा समय नष्ट करना है।}}}}
पी॰ जी॰ रॉजर्स,
पोस्टमास्टर जनरल,
पंजाब और उत्तर-पश्चिमी सीमाप्रान्त क्षेत्र