अक्तूबर २ : गांधीजीने भगिनी समाजके वनिता विश्राम हालमें आयोजित स्वागत समारोह में भाग लिया। उन्हें २०,१०० रुपयोंकी थैली भेंट की गई।
शामको मुस्लिम विद्यार्थियोंकी सभामें भाषण।
अक्तूबर ४ : मद्रासके गवर्नरको तार दिया कि कुमारी फैरिंगको जल्दी ही साबरमती आश्रम आने की अनुमति दी जाये।
अक्तूबर ६ : मद्रास गवर्नर के निजी सचिवका गांधीजीको पत्र कि कुमारी फैरिंग सामान्य ढंग से अनुमतिके लिए प्रार्थना करें तो अनुमति देने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
अक्तूबर ७ : 'यंग इंडिया' का कार्यालय अहमदाबाद ले जानेका समाचार। बम्बईके गवर्नरका गांधीजीको पत्र जिसमें उन्होंने स्वदेशी आन्दोलनका समर्थन किया था।
अक्तूबर ८ : बड़ौदाकी माणिकराव व्यायामशालामें कसरतपर अपने विचार प्रकट किये; प्रदर्शन देखा।
गांधीजी के सम्पादकत्वमें 'यंग इंडिया'का प्रथम अंक निकला।
अक्तूबर ९ : बड़ौदाके महाराजा थियेटरमें भाषण; स्वदेशी भण्डारका उद्घाटन; ब्रुश फैक्टरी और अछूतोंका स्कूल देखने गये। न्याय मन्दिरमें महिलाओंकी सभामें गये।
अक्तूबर १० : अमरेलीमें कताई कक्षाका उद्घाटन।
अक्तूबर ११ : गांधीजी रातको भावनगर पहुँचे।
अक्तूबर १२ : उनके सम्मानमें जलूस निकाला गया। वस्त्र व्यापारी संघने मानपत्र भेंट किया।
गांधीजीका स्वदेशीपर भाषण। अछूतोंका स्कूल देखने गये। महिलाओं की सभा में खाली समय में कताई करने का समर्थन किया।
अहमदाबाद के लिए रवाना।
अक्तूबर १३: गुजरात कॉलेजमें आनन्दशंकर ध्रुवके विदाई समारोहकी अध्यक्षता; बाद में प्रधानाचार्य रॉबर्टसनकी अध्यक्षतामें आयोजित सभामें भाषण।
अक्तूबर १५ : गांधीजीपर अप्रैल ९, १९१९ से लगाया गया पंजाब में प्रवेश सम्बन्धी प्रतिबन्ध उठा लिया गया।
बम्बई उच्च न्यायालयाने सत्याग्रह शपथ लेनेवाले वकीलोंको चेतावनी दी।
अक्तूबर १७ : गांधीजी पंजाबके लिए रवाना।
भारत में खिलाफत दिवस मनाया गया।
अक्तूबर १८ : बम्बई उच्च न्यायालयके पंजीयक द्वारा गांधीजीके नाम सम्मन जारी : इसमें अक्तूबर २०को अदालत में उपस्थित होने और जिला जजके निजी पत्रके प्रकाशनके विषय में स्पष्टीकरण देने को कहा गया।
अक्तूबर २० : गांधीजीने बम्बई उच्च न्यायालय के पंजीयकको तार दिया कि पंजाब यात्राके कारण वे २० अक्तूबरको अदालत में उपस्थित हो सकने में असमर्थ हैं।
अक्तूबर २२ : साबरमती आश्रमसे बम्बई उच्च न्यायालय के पंजीयकको निजी पत्रके प्रकाशनके सम्बन्धमें स्पष्टीकरण भेजा।