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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

दिसम्बर २८ : अमृतसरमें शोरके कारण गांधीजीको मानव-दया सम्मेलनकी सभाको विसर्जित करना पड़ा।


दिसम्बर २९ : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके अधिवेशनमें भाग लिया।
दक्षिण आफ्रिकावासी भारतीयोंकी कठिनाइयोंपर प्रस्ताव पेश किया।
वन्देमातरम् हॉलमें ऑल इंडिया मुस्लिम लीगके अधिवेशनमें भाग लिया।


दिसम्बर ३० : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके अधिवेशनमें पंजाब और गुजरातके दंगोंपर प्रस्ताव पेश किया।


दिसम्बर ३१ : कांग्रेस के अधिवेशन में भाग लिया।

१९२०


जनवरी १: कांग्रेस के अधिवेशन में स्वराज्य प्रस्तावका समर्थन किया परन्तु साथही साथ १९१९ के सुधार विधेयकको अपनानेका भी आग्रह किया।


जनवरी ४ : साबरमतीसे बम्बई उच्च न्यायालय के पंजीयकको पत्र लिखकर अदालतकी मानहानि के मुकदमे की सुनवाईको कुछ समय के लिए स्थगित करनेका अनुरोध किया।


जनवरी ५: उपद्रव जाँच समितिको लिखित वक्तव्य दिया और सूचित किया कि वे मौखिक बयान देनेके लिए तैयार हैं।


जनवरी ९ : अहमदाबादमें उपद्रव जाँच समितिके सामने पेश हुए।


जनवरी ११ : लॉर्ड इंटर और उपद्रव जाँच समितिके सदस्योंको साबरमती आश्रम में आनेके लिए आमन्त्रित किया।


जनवरी १२ : आर्यसमाज में भाषण; जलालपुर जट्टनमें अभिनन्दनपत्र भेंट किया गया।
उपस्थित जनसमूहके समक्ष भाषण।
मोटरसे सरगोधा के लिए रवाना।
लॉर्ड हंटर और उपद्रव जांच समितिके अन्य सदस्य आश्रम देखने आये।


जनवरी १५ : खिलाफत शिष्टमण्डलके सिलसिले में अहमदाबाद से दिल्ली रवाना।


जनवरी १६ : गांधीजी दिल्ली पहुँच गये।


जनवरी १८ : मौलाना अबुल कलाम आजाद से प्रथम भेंट।


जनवरी १९ : खिलाफत शिष्टमण्डलके सदस्य के रूप में वाइसराय से भेंट।


जनवरी २० : इलाहाबाद में मोतीलाल नेहरूसे भेंट।


जनवरी २१ : कानपुरमें स्वदेशी भण्डारका उद्घाटन।


जनवरी २२ : सुबह मेरठ पहुँचे । स्वागत समारोह के पश्चात् सार्वजनिक सभामें भाषण।
जलूस निकाला गया और आम जनता, नगरपालिका तथा खिलाफत समितिकी ओरसे मानपत्र भेंट।
पंजाबके दंगोंके सम्बन्ध में कांग्रेस जांच समितिके कार्यपर महिलाओं की सभा में भाषण।
लाहौर जाते हुए मुजफ्फरपुर में भाषण।


जनवरी २३ : लाहौर पहुँचे।