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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

मालवीयजीको जेलमें हरकृष्णलालसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई।
उपद्रव जाँच समितिका लाहौरमें आगमन।


नवम्बर १५ : दक्षिण आफ्रिका जानेसे पहले एन्ड्रयूजको विदाई देने के लिए आयोजित सभामें भाषण।


नवम्बर २० : गुजरांवाला गये। गुरुकुलकी सार्वजनिक सभामें भाषण।


नवम्बर २१ : गुजरांवालामें गवाहोंके वक्तव्य दर्ज किये। महिलाओं की सभा में भाषण।


नवम्बर २३ : खिलाफत सम्मेलन में भाषण; सभामें केवल मुसलमान उपस्थित थे।
मुहम्मद अली जिन्नाने न आ पानेके लिए खेद प्रकट किया।


नवम्बर २४ : खिलाफत कांग्रेस में हिन्दू मुसलमानोंके संयुक्त अधिवेशनकी अध्यक्षता; हिन्दीमें भाषण; प्रस्ताव पास किया गया कि जबतक खिलाफतका प्रश्न हल नहीं हो जाता भारतीय शान्ति समारोहोंमें भाग नहीं लेंगे।
शान्ति समारोहोंका विरोध करने के लिए सलाहकार समितिका गठन। गांधीजीका एक पैसा ५०१ रुपये में नीलाम किया गया।


नवम्बर २६ : गांधीजी निजामाबाद और कसूर गये और भाषण दिये।


नवम्बर २९: अकालगढ़ गये।


नवम्बर ३० : रामनगर गये।


दिसम्बर १ : हाफिजाबाद में वक्तव्य दर्ज किये।


दिसम्बर २: हाफिजाबादमें विद्यार्थियों और महिलाओं की सभा में भाषण।

दिसम्बर ३ : शामको साँगला हिल पहुँचे, गवाहियां लीं। लाहौरके लिए रवाना।
हाउस ऑफ कॉमन्समें भारतीय सुधार विधेयकपर बहस।


दिसम्बर ५ : शेखूपुराकी सभामें गांधीजीने हिन्दू-मुस्लिम एकता पर भाषण दिया।
भारतीय सुधार विधेयकका हाउस ऑफ कॉमन्समें तीसरा वाचन।


दिसम्बर ६ : गांधीजी चुड़खाना जानेके लिए शेखूपुरासे खाना हुए; रेलवे स्टेशनपर भीड़ द्वारा रोक लिये जानेपर व्यवस्थाकी आवश्यकतापर भाषण।


दिसम्बर ७ : शामको लायलपुर गये। गवाहियाँ लीं।


दिसम्बर ८ : दोपहरको महिलाओंकी और शामको सार्वजनिक सभामें भाषण।
भारतीय सुधार विधेयकका लॉर्ड सभामें प्रथम वाचन।

दिसम्बर ९ : गांधीजी लाहौर पहुँचे।


दिसम्बर ११ : सभा मंडलके समारोहमें भाषण।
बम्बई उच्च न्यायालयके पंजीयकको पत्र कि "मैं सच्चे दिलसे अपने कार्यके लिए क्षमा-याचना नहीं कर सकता।"
पंजीयक द्वारा अदालतमें अर्जी कि "जजके निजी पत्रको प्रकाशित करनेके कारण गांधीजी और महादेव देसाईपर अदालतकी मानहानिका मुकदमा क्यों न चलाया जाये।"


दिसम्बर २४ : मॉण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार विधेयकको शाही स्वीकृति दे दी गई। शाही घोषणा द्वारा राजनीतिक कैदियोंको क्षमा-प्रदान।