११. पत्र: बाबू ब्रजसुन्दर दासको
२, मुजंग रोड
लाहौर
५ फरवरी, १९२०
उड़िया-आन्दोलनके सम्बन्धमें आपका मुद्रित परिपत्र मिला। [१] मेरा कागज-पत्र अभी नहीं मिले, शायद आप बादमें भेजेंगे। फिर भी मैं चाहता हूँ कि आप मुझे आन्दो- लनकी प्रगतिके बारे में लिखते रहें। इस विषयपर 'यंग इंडिया 'में लिख रहा हूँ।[२] मेरा खयाल है कि 'यंग इंडिया' आपके पास आता है।
हृदयसे आपका,
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ७१०५) की फोटो-नकलसे।
१२. पत्र: एस्थर फैरिंगको
लाहौर
बृहस्पतिवार [५ फरवरी, १९२०][३]
मैं देखता हूँ कि मैंने तुम्हारा दिल दुखाया है, मुझे क्षमा करना। मैंने वैसा इसलिए लिखा कि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ। मेरा खयाल है कि तुम्हारा यहाँ आना बेकार है, क्योंकि मैं ११ तारीखसे[४] दौरेपर रहूँगा। इसलिए अगर तुम आई भी तो मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकूँगा। आशा है, बहुत देर हुई तब भी २३ तारीख[५] तक मैं तुम्हारे पास पहुँच जाऊँगा। फिर कमसे-कम कुछ समयतक तो हम तुम साथ रहेंगे ही। इस बीच तुम कटि-स्नान और घर्षण-स्नान (सिट्ज़ बाथ) करो। और वहाँ