सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 18.pdf/५४६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

(१ जुलाईसे १७ नवम्बर, १९२० तक)

जुलाई १ : गांधीजीने भारतीयोंके प्रत्यावर्तन सम्बन्धी दक्षिण आफ्रिकी आयोगकी अन्तरिम रिपोर्टके बारेमें अखबारोंको पत्र लिखा।

जुलाई २ : कांग्रेस संविधानके मसविदेके बारेमें न॰ चि॰ केलकरको लिखा। हंटर कमेटीकी रिपोर्टके विरोध में बम्बईमें सार्वजनिक सभा हुई। सर नारायण गणेश चन्दावरकरने अध्यक्षता की।

जुलाई ४ : गांधीजीने 'नवजीवन' में पहली अगस्तसे प्रारम्भ होनेवाले असहयोगके कार्यक्रमका विशद विवेचन किया।

जुलाई ६ : चर्चिलने हाउस ऑफ कॉमन्समें आर्मी कौंसिलके निष्कर्षोकी घोषणा की कि जनरल डायर गलत निर्णयके दोषी हैं तथा साम्राज्यमें उन्हें कोई पद नहीं दिया जाना चाहिए।

जुलाई ७ के पूर्व : गांधीजीने असहयोगपर समाचारपत्रोंको एक वक्तव्य दिया तथा मुहम्मद अलीको लन्दन तार भेजा।

असहयोग समितिने असहयोगके कार्यान्वयन और उसके कार्यक्रमके सम्बन्धमें एक वक्तव्य प्रचारित किया।

जुलाई ७ : बम्बईमें महिलाओं की सभामें भाषण।

'यंग इंडिया' में युवराजके आगमनका बहिष्कार करनेकी अपील।

जुलाई ८ : हाउस ऑफ कॉमन्समें हंटर कमेटीकी रिपोर्टपर बहस।

जुलाई ११ : गांधीजीने 'नवजीवन' में लिखे अपने "गुजरातका कर्त्तव्य" नामक लेखमें गुजरातियोंसे असहयोगमें प्रमुख भाग लेनेकी अपील की। एक अन्य लेखमें उन्होंने शान्तिनिकेतनके लिए योगदान देने को कहा। असहयोग सम्बन्धी उनका सन्देश राजकीय मण्डलकी बैठक, नडियाद में पढ़ा गया।

दादूके पक्ष में दिये गये दक्षिण आफ्रिकी न्यायालयके निर्णयपर अखबारोंको लिखा।

जुलाई १३ : पूर्वी आफ्रिका और फीजीमें भारतीयोंकी स्थितिके सम्बन्धमें बम्बईमें भाषण।

जुलाई १४ : 'यंग इंडिया' में लिखे अपने लेख द्वारा श्रीमती बेसेंट और श्रीनिवास शास्त्रीकी आलोचना का उत्तर दिया।

जुलाई १५ : जालन्धरके अपने भाषणमें हिन्दुओं और मुसलमानोंसे असहयोगका समर्थन करनेकी अपील की।

जुलाई १६ : खिलाफत समितिके तत्त्वावधानमें, अमृतसरमें हुई असहयोग सभामें भाषण।

जुलाई १७ : गांधीजीने लाहौरमें खिलाफत और असहयोगपर भाषण दिया।

जुलाई १८ : लाहौरमें कौंसिलोंके बहिष्कारपर भाषण।