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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 18.pdf/५४७

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त


अखिल भारतीय मुस्लिम लीगने हंटर कमेटीकी बहुमत रिपोर्टकी भर्त्सना की।

जुलाई १९ : रावलपिंडीमें खिलाफतपर भाषण।

हाउस ऑफ लॉर्डसमें डायरपर बहस।

जुलाई २० : गांधीजीने गूजरखानमें साम्प्रदायिक एकता और खिलाफतपर भाषण दिया।

जुलाई २१ : १ अगस्तको होनेवाली हड़तालके सम्बन्धमें केन्द्रीय खिलाफत समिति, बम्बईकी हिदायतोंका प्रकाशन।

गांधीजीने 'यंग इंडिया' में "चरखेका संगीत" लेख लिखा।

जुलाई २२ : कराचीमें खिलाफत सभामें भाषण।

जुलाई २३ : हैदराबाद (सिन्ध) में खिलाफत सम्मेलनमें भाषण।

जुलाई २४ : गांधीजीने अमृतलाल विठ्ठलभाई ठक्करको तार द्वारा सूचित किया कि उड़ीसाका अकाल-सहायता कार्य समाप्त होनेसे पूर्व ब्रिटिश गियाना न जायें। सिन्ध नेशनल कालेजके विद्यार्थियोंके समक्ष भाषण।

खिलाफत सम्मेलन, हैदराबाद (सिन्ध) में असहयोग प्रस्तावका समर्थन।

जुलाई २५ अथवा उसके पूर्व : खिलाफत कार्यकर्त्ताओंकी लीग, दिल्लीको तार द्वारा राजद्रोहात्मक सभा अधिनियमका उल्लंघन करनेको मना किया।

जुलाई २५ : नागरिक संघ, हैदराबाद (सिन्ध) द्वारा आयोजित सभामें भाषण।

जुलाई २८ : खिलाफत आन्दोलनके सम्बन्धमें 'यंग इंडिया' में मॉण्टेग्युको उत्तर।

गांधीजी और शौकत अलीने मद्रास अहातेको खिलाफत दिवसके लिए सन्देश भेजा।

बम्बईमें असहयोग सभामें भाषण।

जुलाई ३१ : बम्बईमें बाल गंगाधर तिलकका देहावसान।

गांधीजी और शौकत अलीने पहली अगस्तको मनाये जानेवाले खिलाफत दिवसके लिए सन्देश भेजा जिसमें असहयोग समितिके निर्देशों का उल्लेख किया।

अगस्त १: तृतीय खिलाफत दिवस—गांधीजीने असहयोग आन्दोलनका श्रीगणेश किया।

कैसरे हिन्द तथा अन्य पदकोंको लौटानेके सम्बन्धमें वाइसरायको पत्र लिखा।

बम्बईमें केन्द्रीय खिलाफत समितिके तत्त्वावधानमें हुई सभा में भाषण।

अगस्त २ : मुहम्मद अली तथा खिलाफत प्रतिनिधि मण्डलके अन्य सदस्य बम्बई पहुँचे। गांधीजीकी अध्यक्षतामें उनका सार्वजनिक स्वागत।

अगस्त ४ : 'यंग इंडिया' में तिलकको श्रद्धांजलि; सर नारायण चन्दावरकर और अन्य लोगों द्वारा असहयोगके विरोधमें जारी किये गये घोषणापत्रका उत्तर।

अगस्त ११ : गांधीजी बम्बईसे दक्षिणके दौरेपर गये।

'यंग इंडिया' में लिखित "खड्ग-बलका सिद्धान्त" नामक लेखमें अहिंसक असहयोगका विवेचन।

अगस्त १२ : मद्रास पहुँचे।

असहयोगके सम्बन्धमें 'मद्रास मेल' के प्रतिनिधिसे भेंट।

मद्रास समुद्र-तटपर आयोजित सार्वजनिक सभामें असहयोग कार्यक्रमपर भाषण।