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पंजाबके उपद्रवोंके सम्बन्ध में कांग्रेस-रिपोर्टके गुजराती अनुवादकी प्रस्तावना

उपयोग विशेषतः उन वकीलोंके, जिन्हें वकालत छोड़ देनेके कारण कुछ सहायताकी आवश्यकता है अथवा उन लोगोंके, जो राष्ट्रीय सेवाके अतिरिक्त अन्य कोई कार्य न करते हों, भरण-पोषणके लिए किया जायेगा। (हर्षध्वनि)। सेठजीने मुझे यह आश्वासन भी दिया है कि वे इस कोषके लिए और भी धन एकत्र करनेका प्रयत्न करेंगे। मैं जानता हूँ कि आप लोग इस कोषकी सफलताकी दिशामें इसे एक बहुत ही शुभ प्रारम्भ मानेंगे। मेरी कामना है कि परमात्मा इस स्मारक कोष योजनाको सफल बनानेमें आपकी मदद करे।[१] मुझे विश्वास है कि वह सफल अवश्य होगी। (जोरकी हर्षध्वनि)

[अंग्रेजीसे]
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके ३५ वें अधिवेशनकी रिपोर्ट
 

१०१. पंजाबके उपद्रवोंके सम्बन्धमें कांग्रेस-रिपोर्टके गुजराती अनुवादकी प्रस्तावना

[दिसम्बर १९२०][२]

मुझे उम्मीद है कि प्रत्येक गुजराती इस अनुवादको पढ़ेगा और इसपर विचार करेगा।

मेरी राय में अनुवाद अच्छा हुआ है, लेकिन मैं इसके सरल गुजराती में होनेके कारण ही इसको पढ़ जानेकी सिफारिश नहीं करता। पंजाबमें क्या हुआ[३], अगर यह बात हम पूरी तरह समझ जायें तो हम यह तुरन्त समझ जायेंगे कि अब हमारा क्या कर्तव्य है।

मोहनदास करमचन्द गांधी

[गुजरातीसे]
पंजाबके उपद्रवोंके सम्बन्ध में कांग्रेसकी रिपोर्टके गुजराती अनुवादसे।
 
  1. इसके बाद पण्डालमें ही उपस्थित लोगोंने दानमें रकमें दीं। दूसरे दिन बम्बईके एक परोपकारी पारसी सज्जन, शावक्शा बमनजीने स्वराज्य मिलने तक १०,००० रु० माहवार दान देते रहनेका वचन दिया।
  2. रिपोर्टके गुजराती अनुवादपर जो तारीख दी गई है, वह “मागशर, विक्रम सम्वत् १९७६ है।” यह स्पष्टतः गलत है। अंग्रेजी रिपोर्ट २५ मार्च, १९२० में प्रकाशित हुई थी। गुजराती अनुवाद मागशर १९७७ में प्रकाशित किया गया होगा जो ११-१२-१९२० से ९-१-१९२१ के बीच में हो सकता है।
  3. देखिए खण्ड १७, ५४ १२८-३२२।

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