१०२. नागपुर अधिवेशनमें पास किया गया कांग्रेसका संविधान[१]
[दिसम्बर १९२०]
अनुच्छेद १
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसका ध्येये भारतवर्षके निवासियों द्वारा समस्त उचित और शान्तिपूर्ण तरीकोंसे स्वराज्य प्राप्त करना है।
(टिप्पणी――यह अनुच्छेद पहले प्रस्तावके रूपमें पास हुआ)
कांग्रेसके अधिवेशन
अनुच्छेद २
(क) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसका अधिवेशन वर्षमें एकबार साधारणतया बड़े दिनकी छुट्टियोंमें, पिछले अधिवेशनमें निश्चित स्थान अथवा अन्य किसी ऐसे स्थानपर हुआ करेगा जिसे इसके बाद उल्लिखित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीने निश्चित किया हो।
(ख) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा कांग्रेसका विशेष अधिवेशन या तो स्वयं उसीके प्रस्ताव द्वारा अथवा प्रान्तीय कांग्रस कमेटियों द्वारा बहुमतसे इस बातकी मांग पेशकी जानेपर जहाँ तय किया जाये, बुलाया जा सकता है। इस संविधान के अनुच्छेद उन संशोधनोंके साथ लागू होंगे जिन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ऐसे पृथक्-पृथक् अधिवेशनोंके लिए लागू करना आवश्यक समझे।
कांग्रेसके विभिन्न घटक
अनुच्छेद ३
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस संगठन के निम्नलिखित अंग होंगे।
(क) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
(ख) प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी
(ग) जिला कांग्रेस कमेटी
(घ) उप-विभागीय ताल्लुका अथवा तहसील, फिरका अथवा अन्य स्थानीय कांग्रेस कमेटियाँ
(ङ) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी
(च) भारत के बाहर अन्य ऐसी कमेटियाँ भी जिन्हें कांग्रेस द्वारा इस सम्बन्धमें समय-समयपर मान्यता दी जाये।
- ↑ यह नवीन संविधान गांधीजीने विधान समितिके अन्य सदस्योंके साथ पत्र-व्यवहार करके बनाया था। देखिए आत्मकथा, भाग ५, परिच्छेद ३८ तथा खण्ड १८, पृष्ठ ३-४, ३१०-१२, ४४९-५२।