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२००. बिहारमें दमन

जिस प्रान्तमें असहयोगके सिलसिलेमें सबसे अधिक ठोस काम किया जा रहा है, वह है बिहार। वहाँके नेता अहिंसाकी सच्ची भावनाको समझते हैं। जिन लोगोंके सीमाका उल्लंघन करनेका——शब्दोंमें भी उसका उल्लंघन करनका——खतरा है, उनके उत्साहपर वे अंकुश रखनेकी कोशिश कर रहे हैं और इसमें सफल भी हो रहे हैं। बिहारमें हिंसाके विस्फोटका कोई खतरा नहीं है। आत्म-शुद्धिके क्षेत्रमें इस प्रान्तने शानदार काम किया है। मद्य-निषेध आन्दोलन बहुत तेजीसे आगे बढ़ा है और आबकारीकी आयमें बहुत कमी आ जानेकी सम्भावना है। शिक्षा-सम्बन्धी आन्दोलन भी काफी प्रगति कर रहा है। बहुत-से वकीलोंने वकालत छोड़ दी है। लोग आपसी झगड़ोंका निपटारा पंच- फैसले से कर रहे हैं। हर दिशामें राष्ट्रीय जागृतिके लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसपर किसी भी लोकतान्त्रिक सरकारको गर्व होता; लेकिन बिहार सरकारको नहीं हो रहा है। फिर भी बिहारसे लोगोंने बड़ी-बड़ी आशाएँ बाँध रखी थीं। और बाँधते भी क्यों नहीं, जब उसके गवर्नर[१] भारतीय हैं? वे भारतके सुयोग्यतम सपूतोंमें से एक हैं, और एक समय कांग्रेसके अध्यक्ष भी रह चुके हैं। लेकिन लॉर्ड सिन्हाकी भी अपनी सीमाएँ हैं। वे एक ऐसे यन्त्रका हिस्सा बन गये हैं, जो लोगोंको कुचल रहा है, और उनकी योग्यताका उपयोग महज उस यन्त्रके संचालनके लिए ही किया जा सकता है। अगर वे इस दृष्टिसे उपयोगी साबित नहीं होते हैं तो इस तन्त्रमें उनके लिए कोई स्थान नहीं है।

बिहारमें दमन बहुत जोरपर है, क्योंकि एक भारतीय गवर्नरकी आड़ लेकर अधिकारीगण बड़े धृष्ट हो गये हैं। लॉर्ड सिन्हा इन अपराधी अधिकारियोंके लिए ढाल बन गये हैं।

अब पाठकगण निम्नलिखित तथ्योंपर गौर करें और स्वयं ही वस्तु-स्थितिके बारेमें निर्णय करें। मौलाना मजहरुल हक और बाबू राजेन्द्रप्रसाद, दोनों बिहारमें काफी जानेमाने व्यक्ति हैं। इन्हें आरा जानेसे रोक दिया गया।[२] एक मित्रने अपने पत्रमें मुझे सूचित किया है :

मुजफ्फरपुर, सारन और चम्पारन जिलोंमें धारा १४४ और धारा १०७ के अधीन लगातार नोटिस जारी किये जा रहे हैं। जो लोग मुचलका देनेसे इनकार करते हैं, उन्हें जेलमें डाल दिया जाता है। ऐसे तीस व्यक्ति जेल भेजे जा चुके हैं। दूसरोंके विरुद्ध कार्रवाई होनेवाली है। यह खुशीकी बात है कि इनमें से कुछ तो वृद्ध लोग हैं। लोगोंको जेल भेजनसे स्त्रियोंमें तनिक भी घबरा-
 
  1. लाॅर्ड सिन्हा।
  2. उन्हें इस आशयका आदेश १६-२-१९२१ को दिया गया था।