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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


मनाया जाना चाहिए। इस सप्ताह में ऐसे उपायोंकी योजना करना भी हमारा विशेष कर्तव्य है जिससे कि १३ तारीखको जो अत्याचार हुए थे वे फिर न होने पायें ।

यह सप्ताह शुद्ध तपश्चर्याका, शुद्ध भक्तिका और शुद्ध फकीरीका होना चाहिए। इस सप्ताह हमें अपनी सब भूलोंके लिए ईश्वरसे और जिनके प्रति हमने वे भूलें की हैं उनसे माफी मांगनी चाहिए। हमारा वल हमारी नम्रतामें है। हम अंग्रेजोंका अथवा अपने विरोधियोंका बुरा न चाहें, उन्हें बुरा न कहें। इन सात दिनोंमें हम यह रटे कि "हम इसी वर्ष स्वराज्य प्राप्त करेंगे, इसी वर्ष खिलाफतके प्रश्नका निपटारा करेंगे और इसी वर्ष पंजाबके बारेमें न्याय प्राप्त करेंगे ।"

इन उद्देश्योंको प्राप्त करनेके साधनोंपर विचार करके हमें उनकी प्राप्तिके लिए महान् प्रयत्न करना चाहिए ।

१. खिताब-प्राप्त व्यक्ति अपने खिताब छोड़ दें।

२. वकील वकालत छोड़ दें।

३. विद्यार्थी सरकारी स्कूल छोड़ दें।

४. वादी और प्रतिवादी सरकारी अदालतोंका परित्याग करें।

५. शराबी तथा और प्रकारके व्यसन करनेवाले व्यक्तियोंको शराब, व्यसन, व्यभिचार, चोरी और जुआ खेलना आदि छोड़ देना चाहिए।

६. सभी सत्यपर आचरण करनेका प्रण लें।

७. अपने-अपने घरों में चरखा दाखिल करके, स्त्री-पुरुष सभी अमुक समय चरखा कातनेका आग्रह रखें ।

८. सब लोग विदेशी कपड़ेका त्याग करके सिर्फ हाथके कते सुतसे हाथके बुने हुए कपड़े ही पहनें।

९. हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, यहूदी— भारत में जन्मे हुए सभी लोगोंको चाहिए कि वे परस्पर एक-दूसरेके प्रति भाई-बहनका व्यवहार करें।

१०. कोई भी हिन्दू किसीको अस्पृश्य न माने और सबके प्रति समभाव रखे।

११. तिलक-स्वराज्य-कोषमें सभी यथाशक्ति दान दें।

स्वयं उपर्युक्त कार्य करते हुए और दूसरोंसे उसे करनेका आग्रह करते समय कोई भी व्यक्ति कड़वी भाषाका प्रयोग न करे।

ऊपर जो सूची दी गई है उससे स्पष्ट है कि सबसे बड़ा काम चरखेका प्रचार करना, खादी पहनना और दान इकट्ठा करना है।

हमें छठी और सातवीं तारीखको हड़ताल करनी चाहिए। किसीपर जोर-जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। मिल-मजदूरोंको भी पहलेसे ही इन दो दिनोंके लिए छुट्टीका प्रबन्ध कर लेना चाहिए। जिन्हें छुट्टी न मिले उन्हें काम बन्द नहीं करना चाहिए।

छठी और तेरहवीं तारीखको पिछली साँझसे चौबीस घंटेका उपवास करना चाहिए।

जहाँ सरकारी प्रतिवन्ध न हो वहाँ हमें छठी और तेरहवीं तारीखको सभाएँ आयोजित करके उचित प्रस्ताव पास करने चाहिए। प्रत्येक सभामें चन्दा उगाह कर प्राप्त रकम तिलक स्वराज्य कोषमें भेज देनी चाहिए।