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सत्याग्रह सप्ताह


हूँ कि इस भाषण में उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है जिसकी कांग्रेसमें खुले शब्दों में चर्चा न की गई हो। उन्होंने 'रिपब्लिक'— गणराज्य शब्दका प्रयोग किया है लेकिन 'रिपब्लिक' तो जन्मसिद्ध अधिकार है। भारत तो अनादि कालसे ग्राम-गणराज्यका उपभोग करता आया है। बिहारकी सरकार पंचायतोंको तोड़नेका जी-जान से प्रयत्न कर रही है। सरकारकी अदालतों में ही न्याय मिलता है, ऐसा मानना भ्रमपूर्ण है। क्या हमें जनरल डायर अथवा सर माइकल ओ'डायरके विरुद्ध न्याय प्राप्त हुआ ? मैं साक्षी हूँ कि इन मामलोंमें हमें न्यायके बजाय अन्याय मिला है। लेकिन आप डा० चोल- करके लिए दुःखी न हों। उन्हें बधाई दें। जिन्हें शराब पीनेकी लत पड़ी हुई है उन्हें विनयपूर्वक समझा-बुझाकर शराब छोड़ने के लिए कहें। शराब बेचनेवालोंसे शराब न बेचनेके लिए विनती करें, शराबका ठेका लेनेके लिए इच्छुक व्यक्तियोंसे ठेका न लेनेका अनुरोध करें। लेकिन कहीं भी जोर-जबरदस्ती न करें | आप सरकारके सम्बन्धमें "शैतान" शब्दका प्रयोग भी न करें। पंजाबके बारेमें भी रोष न करें। इन सब मामलोंमें उसकी टीका करनेका काम आप अकेले मुझपर छोड़ दें। आप शराब बन्द करवाने का प्रयत्न करें, लेकिन उसमें किसीकी निन्दा न करें, गाली न दें। सख्त शब्दों- का जमाना चला गया है। अब तो काम करनेका समय आया है। हम बोलें और जेल जायें, इसकी अपेक्षा तो यही अच्छा होगा कि हम काम करते हुए जेल जायें- फिर भले ही सरकार शराब छुड़वाने के प्रयत्नोंको पाप समझे - तब सरकारकी पोल एकदम खुल जायेगी और वह स्वयमेव नष्ट हो जायेगी ।

[ गुजराती से ]
नवजीवन, ५-४-१९२१


२३०. सत्याग्रह सप्ताह

अप्रैल मास समीप आ रहा है। अप्रैलकी छठी[१] तारीखका वह प्रेरणाप्रद रवि- वार और तेरह[२] तारीखके रविवारको हुई घोर घटनाको क्या कोई भारतीय भूल सकता है ? ऐसा कहने में कोई अतिशयोक्ति न होगी कि भारतका नवजीवन छठी अप्रैलसे आरम्भ हुआ। इन दोनों दिनोंको मनाना हमारा धर्म है।

छठी तारीखको भारत जागा, इस दिन उसने अपना आलस्य छोड़ा और नींद से उठकर १३ अप्रैलकी साँझको उसने देखा कि अपनी इस नई शक्तिका दुरुपयोग करनेके फलस्वरूप उसे घोर प्रायश्चित्त करना पड़ रहा है। उसी रातको हिन्दुस्तानने अपने पतिके निस्तेज सिरको अपनी गोद में रख विलाप करती हुई रतनदेवीको सुना।

इस सप्ताहको किस तरह मनाया जाये ? सत्यका अधिक आग्रह करके, अधिक दृढ़ बनकर, अधिक नम्र तथा शुद्ध बनकर और अधिक शक्ति प्राप्त करके ही यह

 
  1. १. ६ अप्रैल, १९१९ को रौलट अधिनियमके विरोध में समस्त भारतमें हड़ताल की गई थी ।
  2. २. १३ अप्रैल, १९१९ को जलियाँवाला बागकी दुःखद घटना हुई थी ।