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५३. तार : श्री चेम्बरलेन, हंटर आदिको

डर्बन
९ जून, १८९७

परम माननीय जोजेफ़ चेम्बरलेन,
सर विलियम हंटर, मारफत 'टाइम्स'
इनकाज़
भावनगरी
लंदन

पिछले प्रार्थनापत्रमें उल्लिखित भारतीय विधेयक कानूनके रूपमें गज़टमें प्रकाशित। हमारा नम्र निवेदन है विचार स्थगित रखा जाये। प्रार्थनापत्र तैयार कर रहे हैं।

भारतीय

अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ २३८१) से।

५४. पत्र : 'नेटाल मर्क्युरी' को

डर्बन<br २४ जून, १८९७

सम्पादक
'नेटाल मर्क्युरी'
महोदय,

ग्रे स्ट्रीटमें हीरक जयन्ती (डायमंड जुबिली) पुस्तकालयके उद्घाटनके सम्बन्धमें आपके आजके अंकमें जो विवरण प्रकाशित हुआ है, उसमें कुछ गलतियाँ और छूटें रह गई हैं।[१] हीरक-जयन्ती पुस्तकालयके प्रारम्भ होनेकी कार्रवाही मैंने नहीं, अवैतनिक पुस्तकालयाध्यक्ष ब्रायन गैब्रियलने पढ़ी थी उसे स्थापित करने का मुख्य प्रयत्न

  1. दीरक-जयन्ती पुस्तकालयका उद्घाटन रेजिडेंट मजिस्टेट जे॰ पी॰ बालरने किया था। पुस्तकालय नेटाल इंडियन एजकेशन एसोसिएशन और नेटाल इंडियन कांग्रेसके सम्मिलित प्रयासोंका फल था। आरम्भमें उसमें दो सौ पुस्तकें थीं, जो सभी उपहारस्वरूप प्राप्त हुई थीं।