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५७. प्रार्थनापत्र : नेटालके गवर्नरको

डर्बन
२ जुलाई, १८९७

सेवामें,

परमश्रेष्ठ माननीय सर वाल्टर फ्रांसिस हेली-हचिन्सन, नाइट कमांडर ऑफ़ द डिस्टिग्विश्ड ऑर्डर ऑफ़ सेंट माइकेल ऐंड सेंट जॉर्ज, गवर्नर, प्रधान सेनापति और वाइस एडमिरल, नेटाल और देशी आबादीके सर्वोच्च शासक, आदि-आदि पीटरमैरित्सबर्ग, नेटाल

नम्र निवेदन है कि,

मैं इसके साथ सम्राज्ञीके मुख्य उपनिवेश-मंत्रीके नाम भारतीय समाजके प्रार्थनापत्रकी[१] तीन नकलें भेज रहा हूँ। यह प्रार्थनापत्र इस देशमें निवास करने पर प्रतिबन्ध, विक्रेताओंके परवानों, संक्रामक रोग विषयक संगरोध और भारतीय-संरक्षण-सम्बन्धी कानूनोंके बारेमें है। नम्र निवेदन है कि महानुभाव जैसा उचित समझें वैसे अभिप्रायके साथ इसे मुख्य उपनिवेश-मंत्रीके पास भेज दें।

(ह॰) अब्दुल करीम हाजी आदम

अंग्रेजी प्रतिकी फोटो-नकल (एस॰ एन॰ २४२९) से।

५८. परिपत्र[२]

५३ ए, फील्ड स्ट्रीट
डर्बन (नेटाल)
१० जुलाई, १८९७

महोदय,

नेटाल-संसदके गत अधिवेशनमें जो भारतीय-विरोधी विधेयक स्वीकार किये गये, उनके बारेमें भारतीयोंने श्री चेम्बरलेनके नाम एक प्रार्थनापत्र भेजा था। उसकी एक नकल आपके पास भेजी गई है। मैं उसकी ओर आपका ध्यान आकर्षित करता हूँ। विधेयकोंपर गवर्नरकी अनुमति मिल गई है और अब वे कानून बनकर अमलमें

  1. देखिए पिछला शीर्षक।
  2. साधन-सूत्र से यह पता चलता है कि यह पत्र किन किन लोगों को भेजा गया था। देखिए "परिपत्र", २७–३–१८९७।