पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३६४

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। सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय करने में कपड़े गन्दे होते हैं उन कामोंके समय अथवा सोने आदिके समय उन्हें पहनकर जीर्ण-शीर्ण कर डालें यह आशा की जाती है कि उपर्युक्त अनुच्छेदमें जिन लोगोंका उल्लेख किया गया है, वे सब एक साथ और इस सम्बन्धमें अच्छा काम करेंगे। किन्तु अन्तमें तो सफलता उपभोक्ताके दृढ़ निश्चयपर ही निर्भर करती है। उसका अपनी गुलामीका बिल्ला लगानेसे इनकार कर देना पर्याप्त है। [अंग्रेजीसे] बॉम्बे क्रॉनिकल, ४-७-१९२१ १५४. पत्र: न० चि० केलकरको बम्बई ४ जुलाई [१९२१] प्रिय श्री केलकर, मुझे अबतक जितनी बधाइयाँ मिली हैं उनमें से सबसे ज्यादा मूल्यवान बधाई में आपकी मानता हूँ। यदि आपने कामको उचित मानकर बधाई दी है तो इसमें मैं आपका हार्दिक सहयोग चाहता हूँ। मुझे कार्य-समितिके सम्बन्धमें आपका पत्र मिला। भविष्यमें आपको जैसी आत्मिक प्रेरणा मिले आप वैसा ही करें। मेरे मनमें केवल यही खयाल आता है कि हमें कार्य-समितिको ऐसी संस्था बना देना चाहिए जो तेजीसे कार्य कर सके, जो शक्तिशालिनी हो और जिसमें मतैक्य हो। उसमें मतभेदकी गुंजाइश है, विश्वास भेदकी नहीं। मेरा तो विश्वास है कि हम कांग्रेसके संविधानको दक्षतापूर्वक कार्यान्वित करके जो-कुछ चाहते हैं वह सब पा सकते हैं। किन्तु मैं अपने विश्वासको भारतपर जबरन लाद नहीं सकता। यदि हमें इस साल के अन्दर स्वतन्त्रता मिलनी बदी है तो वह विश्वास आ ही जायेगा। हृदयसे आपका, मो० क०गांधी अंग्रेजी पत्र (सी० डब्ल्यू० ३१२२) की फोटो-नकलसे। १. यह उपलब्ध नहीं है। Gandhi Heritage Portal