पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३७३

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टिप्पणियाँ ३४१ प्रभावशाली हैं; इसीलिए पंजाब सरकार खौफ खा गई और इसी कारण उन्हें जनताके बीचसे हटा दिया गया है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि उनके जेल भेज दिये जानेसे देशके लिए उनकी सेवाओंका महत्त्व और भी बढ़ गया है। सारे भारतमें बहादुरी और आत्म- संयमका ग्रह प्रदर्शन अद्भुत है कि इतने अधिक लोग प्रसन्नतापूर्वक जेल जाना स्वीकार करते हैं और लोग बिना झुके धीर, गम्भीर और शान्त बने रहते हैं। मुझे आशा है कि सरदार शार्दूलसिंहके जेल भेजे जाने के फलस्वरूप सिख और दूसरे पंजाबी और अधिक उत्साहसे असहयोगके लिए काम करेंगे। मैं सरदार शार्दूलसिंह और उन सब लोगोंको बधाई देता हूँ जो मातृभूमिके लिए यातनाएँ सह रहे हैं। युवराजका प्रस्तावित आगमन दुखकी बात है कि युवराजके आगमनकी बात फिरसे उठाई गई है और अस्थायी रूपसे उसकी तिथि भी निश्चित कर दी गई है। भारत जिस तन्त्रसे बिलकुल आजिज आ गया है, उसके प्रतिनिधिके स्वागतको वह कभी तैयार नहीं होगा। यदि भारतकी अनिच्छुक जनतापर यह यात्रा थोपी गई, तो युवराजके आगमनके दिन उसी तरहकी हड़ताल होनी चाहिए जैसी ड्यूकके आगमनपर हुई थी। मैं फिर स्पष्ट कर दूं कि व्यक्तिगतरूपसे युवराज के विरुद्ध असहयोगियोंको कुछ नहीं कहना है। किन्तु जिस पदपर वे हैं उसे उनसे अलग नहीं किया जा सकता। यद्यपि यह सच है कि सम्राट् या उनके उत्तराधिकारी सक्रिय रूपसे राजकीय मामलोंमें हस्तक्षेप नहीं करते (जो कि राज्यके लिए सुविधाजनक है) तथापि वे मौजूदा तन्त्रके उतने ही पुरअसर प्रतिनिधि है जितना कि बहुत हस्तक्षेप करनेवाला कोई प्रधान मन्त्री या वाइसराय हो सकता है। मेरा तो विचार है कि अपनी अलग-थलग स्थितिके कारण तन्त्रके समर्थकके रूपमें उनका प्रभाव और भी अधिक हो जाता है। यदि युवराज आते हैं तो वे असहयोगियोंको या हमारे लक्ष्यको आशीर्वाद देने नहीं आयेंगे, बल्कि इस सरकारकी प्रशंसाके गीत गाने आयेंगे जो पंजाबके अपमान, मुसलमानोंके प्रति वचन- भंग, भारतपर शराबका कुत्सित व्यापार थोपने और देशको गरीब और इतना दुर्बल बनाने के लिए जिम्मेदार है कि भारत समझने लगा है कि उसे अनिश्चित कालतक दासतामें बँधे रहना पड़ेगा। मेरी विनम्र रायमें युवराजका प्रस्तावित आगमन जलेपर नमक छिड़कने-जैसा होगा और प्रत्येक असहयोगीका यह कर्त्तव्य होगा कि वह आदर किन्तु दृढ़ताके साथ साफ-साफ शब्दोंमें इस तरहके उन सब प्रयत्नोंका विरोध करे जो एक गिरते हुए तन्त्रको सहारा देनेके लिए किये जा रहे हैं । [ अंग्रेजीसे ] यंग इंडिया, ६-७-१९२१ Gandhi Heritage Portal