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६५. भाषण : त्रिचनापल्ली में[१]

१९ सितम्बर, १९२१

मित्रो,

इस ऐतिहासिक नगर में आप लोगोंसे परिचय ताजा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं नगरपालिकाको उसके अभिनन्दन पत्र के लिए धन्यवाद देता हूँ और कांग्रेस कमेटीका भी उसके अभिनन्दन-पत्रके लिए आभार मानता हूँ। मैं जानता हूँ कि आप सबको इस बातका क्षोभ है कि मौलाना मुहम्मद अली आज रात हमारे बीच नहीं हैं; और न बेगम साहिबा ही हैं। परन्तु आप मेरी दाहिनी ओर मौलाना आजाद सोवानीको बैठे देख रहे हैं। वे एक विद्वान् मुसलमान धर्माचार्य हैं। वे आज दिनभर त्रिचनापल्ली के मुसलमानोंसे मिलते-जुलते रहे हैं। मुझे जरा भी सन्देह नहीं कि त्रिचनापल्ली के मुसलमान समझते हैं कि इस्लाम और अपने देशके प्रति उनका कर्त्तव्य वास्तवमें क्या है। आप सबको शायद मालूम नहीं कि गत १७ तारीखको मौलाना शौकत अली भी बम्बई में गिरफ्तार किये गये और पंजाबमें डा० किचलूको[२] भी वैसा ही गौरव प्राप्त हुआ है। मैं नहीं जानता कि सरकारने डा० किचलूको किन कारणोंसे प्रेरित होकर गिरफ्तार किया है, परन्तु बम्बई सरकारने अलीभाइयोंको गिरफ्तार करनेका कारण जनताको बतानेकी शिष्टता बरती है। बम्बई सरकार द्वारा बताये गये कारणोंमें पहला तो यह है कि अलीभाइयोंने सेनाकी वफादारीको डिगानेकी कोशिश की। सरकारी विज्ञप्ति यह भी सूचित करती है कि आगे चलकर उन्होंने यह काम किस रूपमें किया है। अलीभाई कराचीकी एक सभामें उस प्रस्तावको पास करानेवालोंमें से थे जिस प्रस्तावमें मुसलमानोंसे निवेदन किया गया था कि हर मुसलमानको चाहिए कि वह सेनामें नौकरी न करे और यह कहा गया था कि प्रत्येक मुसलमान सिपाहीसे कहा जाये कि इस्लाम के अनुसार ब्रिटिश सेनामें काम करना हराम है। मुझे खेद है कि कराचीकी उस ऐतिहासिक सभामें मैं उपस्थित नहीं था और यदि मैं वहाँ होता और यदि सभा मुझे अनुमति देती तो मैं भी उस प्रस्तावका समर्थन करनेवालोंमें से एक होता। ( हर्षध्वनि ) मौजूदा समयमें मुसलमानोंके लिए ब्रिटिश सेनामें काम करना गुनाह है या नहीं, यह तो केवल मुसलमान ही बता सकता है किन्तु एक हिन्दू और एक भारतीय होने के नाते मैं जानता हूँ कि मेरा और प्रत्येक हिन्दू या प्रत्येक भारतीयका ऐसे मौकेपर क्या कर्त्तव्य होना चाहिए। मैं जानता हूँ कि किसी भी भारतीयका ब्रिटिश सेनामें या इस सरकारके किसी भी असैनिक-विभागमें काम करना पाप है और इस तरह की सार्वजनिक घोषणा, भले ही वह सिपाहियोंकी मौजूदगी में की गई हो, यदि ब्रिटिश सेना के सिपाहियोंकी वफादारीके साथ हस्तक्षेपका अपराध बन जाती है तो

  1. गांधीजीके अंग्रेजी भाषणका डा० टी० एस० एस० राजनने तामिलमें वाक्यशः अनुवाद किया।
  2. पंजाबके एक कांग्रेसी कार्यकर्त्ता।