पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/२०७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१७७
टिप्पणियाँ

खादी पहननेका अपराध

मेरे कहने का मतलब क्या है, उसका मैं केवल एक उदाहरण देना चाहता हूँ। इज्जतदार नौजवानोंकी खादी सदरियाँ और टोपियाँ उनके बदनसे उतरवा ली गईं और उनके सामने ही उनमें आग लगा दी गई। एक आदमीकी टोपीमें थूक दिया गया और तब फिर उसे वह पहननेको मजबूर किया गया। क्या इसमें [ अधिकारियोंके ] हृदय परिवर्तन या परिवर्तित तरीकोंकी कोई झलक मिलती है ? ऐसी बर्बरता की और भी कहानियाँ मुझे मालूम हैं। लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए उन्हें दुहरा नहीं रहा हूँ। जिन लोगों के बारेमें जानते थे कि उन्होंने लूटपाट रोकनेकी कोशिश की उन्हें भी सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया कि वे कांग्रेसी थे। कालीकटके श्री केशव मेनन-जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तिको कालीकटसे बाहर जानेसे रोक दिया गया। मेरी यात्राकी खबर प्रकाशित होने के बाद उनपर हुक्म जारी किया गया। अगर श्री मेनन उपद्रव ग्रस्त क्षेत्रसे बाहर आते तो उससे सार्वजनिक सुरक्षाका अहित किस तरह होता ? मुझे जो विवरण मिले हैं, उन सबसे यही पता चलता है कि श्री टामस, जो मलाबारकी विपदाके जनक हैं, सर माइकेल ओ'डायरके[१] ही चरणचिह्नोंपर चल रहे हैं। अलबत्ता उनमें ओ'डायरवाली स्पष्टवादिताका अभाव है। सो शायद इसलिए कि उन्हें अपना मुँह बन्द ही रखनेको कहा गया है। मैं उनके साथ शायद अन्याय कर रहा हूँ। मद्रास के गवर्नरने लार्ड चेम्सफोर्डवाली स्थिति अपनायी है। उन्होंने सब-कुछ अपने लेफ्टिनेंट के भरोसे छोड़ दिया है।

धरना और प्रेम

एक व्यक्तिने अखबारमें लिखते हुए नाराजगी के साथ खुला सवाल किया है : "मैं अपने प्रेमके सिद्धान्तके साथ धरनेदारीका मेल कैसे बैठा सकता हूँ। क्या धरना देना एक प्रकारकी हिंसा या अनुचित दबाव नहीं है ?" बेशक धरना देना हिंसा और अनुचित दबाव माना जा सकता है। मुझे दुःखके साथ कहना पड़ता है कि कई मामलोंमें वास्तविकता यही रही है। लेकिन, मैं जानता हूँ कि एक प्रेम-प्रेरित कार्यकी तरह भी धरना दिया गया है। बहुत-सी बहनें और नवयुवक विशुद्ध प्रेमभावसे प्रेरित होकर धरना देते रहे हैं। मुझपर किसीने मारवाड़ियोंसे घृणा करनेका आरोप नहीं लगाया है। कोई भी व्यक्ति सेठ जमनालालजीपर अपने जाति-भाइयों और साथी व्यापारियोंसे घृणा करनेका आरोप नहीं लगा सकता। फिर भी तथ्य यही है कि मैं और वे, हम दोनों, मारवाड़ियोंकी विदेशी कपड़े की दुकानोंपर धरनेदारीका समर्थन करते रहे हैं। जब बेटी बापको बुरा काम करनेसे रोकती है तो वह विशुद्ध प्रेमसे ही प्रेरित होकर वैसा करती है। वास्तविकता यह है कि कुछ ऐसे काम हैं जो सामान्य रूपसे सभी वर्गों के लोग करते हैं। और जब वे काम अपने-आपमें आपत्तिजनक नहीं हों तो उनकी अच्छाई या बुराईकी कसौटी यही होती है कि वे काम किस इरादे से किये जाते हैं। मेरी अपनी स्थितिमें तनिक उलझन आ जाती है, क्योंकि मुझे ऐसे

२१-१२
 
  1. पंजाबके लेफ्टिनेंट गवर्नर, जो जलियाँवाला बागके दुष्काण्डके लिए जिम्मेदार थे।