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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सातवें हिस्सेको अस्पृश्य माना जाता रहेगा . . . तबतक भारतको पूर्ण स्वराज्य नहीं मिल सकता।

हाँ, मेरा कहना यही है कि जबतक भारतसे अस्पृश्यताको दूर नहीं किया जाता, उसे पूर्ण स्वराज्य नहीं मिल सकता। यही कारण है कि अपने कार्यक्रममें मैंने इसे सबसे आगे रखा है।

त्रावणकोरके हम एजहवा लोग अस्पृश्यता के कलंकको दूर करनेके लिए एक काम कर रहे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि सार्वजनिक मन्दिरोंके द्वार सभी वर्गोंके हिन्दुओंके लिए खोल दिये जायें। इसे हम हिन्दूधर्म में सुधारका एक काम मानते अस्पृश्यता निवारण एक अमूर्त विचार है। सभी वर्गोंके हिन्दुओंका मन्दिरोंमें प्रवेश उस विचारका मूर्त रूप है।

हाँ, जब आप मन्दिरोंमें प्रवेश करनेके अधिकारकी मांग करते हैं, तब अस्पृश्यता-निवारणका अमूर्त विचार मूर्त रूप ले लेता है। फिर भी, नीति-निपुणताकी दृष्टिसे में तो आपको सलाह दूंगा कि मन्दिरोंमें प्रवेशकी बात अभी छोड़िए और सार्वजनिक कुओंसे शुरुआत कीजिए। इसके बाद आप सार्वजनिक स्कूलोंको ले सकते हैं।

लगता है, आप शायद भ्रमवश यहाँके समाजमें हमारी स्थिति वैसी ही मान रहे हैं जैसी कि ब्रिटिश भारतमें पंचमोंकी है। आधे दर्जन स्कूलोंके अलावा, इस राज्यके शेष सभी सार्वजनिक स्कूलोंके द्वार हमारे लिए खुले हुए हैं । इन आधे वर्जन स्कूलोंमें त्रिवेन्द्रमका वह स्कूल भी है जो महाविभव महाराजाके महलकी बिल्कुल बगलमें स्थित है।

अगर बात ऐसी है, तब तो आप लोग मन्दिरोंमें प्रवेशपर आग्रह करनेकी स्थितिमें अवश्य ही हैं।

त्रावणकोर-सरकारने पिछले साल सरकारी और गैर-सरकारी व्यक्तियोंकी एक समिति नियुक्त की थी। उसने हाल ही में अपनी रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि त्रावणकोरके बहुतसे मन्दिर सरकारी खर्चसे चलाये जाते हैं और उन्हें इसी तरह चलाते रहना सरकारका कर्तव्य है. . .|

हाँ, यहाँ भी एक नागरिक अधिकारका प्रश्न है।

श्रीमूलम् जन-सभा (पॉपुलर एसेम्बली) के पिछले अधिवेशनमें में भी एक सदस्यको हैसियत से शामिल हुआ था।. . . त्रावणकोर उच्च न्यायालयन मेरी जातिके कुछ लोगोंको एक मन्दिरमें जाकर प्रार्थना करनेके कारण इस आधारपर सजा दे दी कि त्रावणकोर दण्ड संहिताके खण्ड २९४के अन्तर्गत उन लोगोंका मन्दिरमें जाना, मन्दिरको "अपवित्र करना" था।. . . जन-सभा में हमने उसके प्रति विरोध व्यक्त किया है और सरकारसे प्रार्थना की है कि जापानकी प्रबुद्ध और देशभक्त सरकारकी तरह वह भी एक फरमान जारी करके अस्पृश्यताको समाप्त करे। नायर समाजमने भी अस्पृश्यता के खिलाफ प्रस्ताव पास किया है। . . . इस