पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/५८९

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टिप्पणियाँ ५५७ प्रति दिलमें तनिक भी क्रोध नहीं होना चाहिए, केवल प्रेम और दया होनी चाहिए। इसका असर उनपर भी पड़े बिना न रहेगा। यह तो मैंने तुम्हें राजयोगका मार्ग सुझाया है। तुम इस मार्गको अपनाने योग्य हो । मेरी इच्छा है कि निराश न होओ। [ गुजरातीसे ] बापुनी प्रसादी २२७. तार : चित्तरंजन दासको [७ दिसम्बर, १९२१को या उसके प्रश्चात् ] हार्दिक बधाई। आपकी पत्नी और बहनके नेतृत्वमें बंगालकी पचास औरतें । अब स्वराज्य सुनिश्चित और समीप है। मुझे आपसे ईर्षा होती है । आशा है कि पूर्ण शान्ति होगी । [ अंग्रेजीसे ] अमृतबाजार पत्रिका, १३-१२-१९२१ २२८. टिप्पणियाँ निराशाकी जरूरत नहीं कुछ लोगोंने चिन्ता प्रकट की है कि पंजाबमें लाला लाजपतराय शायद शीघ्र ही जेलके मेहमान हो जायेंगे, असममें सर्वश्री फूकेन और बारदोलोई पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं और इसी तरह अजमेरकी कांग्रेस कमेटी और खिलाफत कमेटी, दोनोंके सभापति मौलाना मोहिउद्दीन जेल भेजे जा चुके हैं, तब इस अवस्थामें इन प्रान्तों- में आगे काम कैसे होगा? मैंने यह जवाब दिया कि इन नेताओंके जेल जानेसे हमारा कार्य और आगे ही बढ़ेगा। इन लोगोंके जेल जाने के फलस्वरूप मैं तो यही उम्मीद करता हूँ कि इन प्रान्तोंके लोग अधिक संयमका और अपने दायित्वके प्रति अधिक जागरूकताका परिचय देंगे। इन प्रान्तोंमें और ज्यादा खादी तैयार होने लगेगी; विद्या- थियों और वकीलोंमें और अधिक जागृति पैदा होगी। यदि हम अपना शासन आप करनेके लायक होंगे तो इन नेताओंकी वीरता अवश्य ही दूसरोंको प्रेरणा देगी। दमनके साथ-ही-साथ हमें भी अधिकाधिक ऊपर उठना चाहिए। जब-जब लोग सरकारके दमनसे दब जायेंगे तब-तब पशुबलपर आधारित सरकारको दमनका सहारा लेनेमें फायदा दिखता रहेगा। फिर अन्तमें चाहे भले ही लोग फिर उठ खड़े हों । जो सरकार पशु- बलपर अपनी हस्ती कायम रखती है वह चार दिनोंतक ठहरती है और केवल दमनके १. श्रीमती दास और दूसरोंको ७ दिसम्बरको गिरफ्तार किया गया लेकिन तत्काल छोड़ दिया गया था । Gandhi Heritage Portal