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४१. वक्तव्य:वाइसराय के भाषणके सम्बन्ध में एसोसिएटेड प्रेसको

अहमदाबाद
२४ दिसम्बर, १९२१

एसोसिएटेड प्रेसका एक संवाददाता महात्मा गांधीसे मिला था। पण्डित मदनमोहन मालवीयके नेतृत्व में मिलनेवाले शिष्टमण्डलको उत्तर देते हुए वाइसराय लॉर्ड रोडिंगने कलकत्तामें जो भाषण[१] दिया था उसीके सम्बन्धमें प्रश्न किये जानेपर गांधीजीने निम्नलिखित वक्तव्य दिया:

मैं यह कहने के लिए लाचार हूँ कि वाइसरायके उद्गारोंको पढ़कर मुझे बड़ा दुःख हुआ। युवराजके भारत आगमन के सम्बन्धमें कांग्रेस और खिलाफत संस्थाओंके रुखके बारेमें उन्होंने शरारतपूर्ण ढंगसे गलतबयानी की है। इसकी मैंने कल्पना तक नहीं की थी। दोनों संस्थाओंमें से किसीके किसी भी प्रस्तावको उठा लीजिए, किसी भी वक्ताके भाषणको ले लीजिए, प्रत्येकमें यह बात काफी और पूरा जोर देकर कही गई है कि हम लोगों के मनमें युवराजके प्रति व्यक्तिगत रूपसे कोई बुरा भाव नहीं है और न हम किसी प्रकार उनका अपमान ही करना चाहते हैं। उनके स्वागतका बहिष्कार एक सर्वथा सैद्धान्तिक कार्य है और उसका उद्देश्य नौकरशाहीके मनमाने तरीकोंके प्रति अपना विरोध प्रकट करना है। मैंने बराबर कहा है और अब भी कहता हूँ कि उस नौकरशाहीकी जकड़को और मजबूत करनेके लिए ही युवराजको भारतमें लाया जा रहा है जिसने भारतको एकदम भिखमंगा और राजनीतिक दृष्टिसे अर्ध गुलाम बना दिया है। अगर कोई यह साबित कर दे कि युवराजकी यात्राके उद्देश्यके बारेमें मेरी यह धारणा भ्रान्त है तो मैं बड़ी खुशीसे अपने अपराधके लिए माफी माँग लूंगा।

वाइसरायने इतनी ही दुर्भाग्यपूर्ण बात यह कही है कि युवराजके स्वागतके बहिष्कारका अर्थ है ब्रिटिश जनताके प्रति दुर्भाव प्रकट करना। उनको मालूम नहीं कि वे भारतके ब्रिटिश प्रशासकों और ब्रिटिश जनताको एक पाँतमें बैठाकर खुद अपने देशवासियोंकी कितनी बड़ी हानि कर रहे हैं। क्या उनका मतलब यह है कि इस देशके अंग्रेज शासक ब्रिटिश जनताके प्रतिनिधि हैं और उनके तरीकोंके विरुद्ध आन्दोलन करना

  1. वाइसरायने यह भाषण २१ दिसम्बर, १९२१ को दिया था जिसमें उन्होंने इंडिया इन १९२१-२२ के अनुसार वे कारण पूरी तौरपर समझाये थे जिनसे बाध्य होकर सरकारको विशेष अधिनियम जारी करने पढ़े, और कानूनकी पाबन्द प्रजाकी हर तरहसे रक्षा करनेका दृढ़ निश्चय व्यक्त किया गया था और साथ ही युवराजके आगमनके सिलसिले में कड़ी चेतावनी दी थी कि युवराजके अपमानका अर्थ इंग्लैंड की जनता और संसदका अपमान होगा। वाइसरायने कहा कि सम्मेलनकी किसी भी योजनापर चर्चा भी तभी की जायेगी जब असहयोग पार्टी पहले अपनी सभी गैर-कानूनी कार्रवाश्यां बन्द कर दे।