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जेल डायरी, १९२२
ब्रह्म | भ्रम में पड़ा जीव |
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सजीव | निर्जीव |
पुसंत्व | नपुंसकत्व |
वीरता | कायरता |
राम | रावण |
मोक्ष | बन्धन |
अमृत | हलाहल |
जीवन | मृत्यु |
सत् | असत् |
अस्तित्व | अनस्तित्व |
सत्य एक है | असत्य अनेक |
सत्य सरल रेखा है | असत्य वक्र रेखा है |
समकोण | ?[१] |
सागर | सहारा मरुस्थल |
संयम | स्वच्छदता |
प्रेम | वैर |
१७ जून, शनिवार
किपलिंगकी 'सेकन्ड जंगल बुक' समाप्त की।
२१ जून, बुधवार
'फॉस्ट' समाप्त किया।
२४ जून, शनिवार
जॉन हॉवर्डकी जीवनी समाप्त की। पाँच [कच्चा] सेर मुनक्कोंकी एक पेटी कल आई।
२५ जून, रविवार
'वाल्मीकि रामायण' समाप्त की। 'शान्तिपर्व'[२], भाग—१ पढ़ना शुरू किया।
२८ जून, बुधवार
जूल्स वर्नकी 'ड्रॉप्ड फ्रॉम दि क्लाउड्स' समाप्त की।
१ जुलाई, शनिवार
इरविंग कृत कोलम्बसकी जीवनी समाप्त की। अनसूया बहने, कानजी और धीरजलाल शंकरलालसे मिलने आये। वा, हरिलाल, रामदास, मगनलाल मथुरादास और मनु[३] मुझसे मिलने आये।