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ड्रू पियर्सन के प्रश्नों के उत्तर

सम्बन्धमें मजदूर सरकार हमें क्या सहायता दे सकती है? आपका भविष्य आपके हाथोंमें है। बाहरसे मिलनेवाले लड्डू पत्थर ही साबित होंगे।

[अंग्रेजीसे]
हिन्दू,' १८–२–१९२४
 

१०१. ड्रू पियर्सनके प्रश्नों के उत्तर[१]

[५ फरवरी, १९२४के पश्चात][२]

श्री गांधी नाकी पहाड़ी जलवायुमें [आपरेशनके बाद] पुनः स्वस्थ होनेके लिए विश्राम कर रहे हैं। यह स्थान यरवदा जेलसे कुछ ही मीलकी दूरीपर स्थित है। यरवदा जेलमें दो वर्ष कैद रहनेके बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया था और इसलिए ब्रिटिश सरकारने उन्हें बिना शर्त रिहा कर दिया था।

यह वक्तव्य रिहाईके बाद उनका सबसे पहला वक्तव्य है :

मैं पूर्ण स्वास्थ्य लाभ करते ही स्वराज्य-प्राप्ति के लिए अपना कार्य फिर आरम्भ कर दूँगा।

आप कौन-सा मार्ग ग्रहण करेंगे? उन्होंने शान्त भावसे उत्तर दिया :

मेरा अब भी यह विश्वास है कि भारत के लिए ब्रिटिश साम्राज्यके भीतर रहना सम्भव है। अहिंसा में मेरा दृढ़ विश्वास ज्योंका-त्यों है। मैं मानता हूँ कि यदि भारत अहिंसाका पूर्ण पालन करेगा तो उससे अंग्रेज जातिके सर्वाधिक उदात्त भाव जाग्रत होंगे। अहिंसासे स्वराज्य-प्राप्तिकी मेरी आशाका आधार मनुष्य मात्र के अन्तस्तलमें रहनेवाली भलमनसाहत में मेरा अटूट विश्वास है।

मैंने हमेशा ही यह माना है कि भारतका अंग्रेजोंसे कोई झगड़ा नहीं है। ईसाने स्क्राईब और फैरीसियोंकी[३] दुष्टताकी निन्दा तो की थी किन्तु उन्हें उनसे घृणा नहीं थी। इसी प्रकार हमें भी अंग्रेजोंसे घृणा करनेकी आवश्यकता नहीं है, यद्यपि हम उनकी स्थापित की हुई शासन प्रणालीसे घृणा करते हैं। उन्होंने भारतमें ऐसी शासन-प्रणालीकी स्थापना की है जिसका आधार बल-प्रयोग है। इस शासन-प्रणाली में

  1. ड्रू पियर्सनने २६ मार्च, १९२४ को न्यूयार्कसे देवदास गाँधीको एक पत्र लिखा था। उससे प्रकट होता है कि प्रश्नोंके उत्तर देवदासने उन्हें समुद्री तारसे भेजे थे और उन्होंने उस संक्षिप्त तारको थोड़ा विस्तार देकर, जिस तारीखको यह भारतसे भेजा गया था उसी दिन, पत्रोंमें प्रकाशनार्थं भेज दिया था। यह विवरण अमेरिकाके ५० पत्रोंके अतिरिक्त आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, चीन और कनाडाके पत्रोंमें भी छपा था।
    ड्रू पियर्सनने इससे पूर्व भी गांधीजीसे जेलमें भेंटके लिए सर लायडू जार्ज से इजाजत माँगी थी, जो नहीं मिली। इस सम्बन्ध में वे गवर्नरसे मिले भी थे। उनकी भेंटके विवरण के लिए देखिए परिशिष्ट ६।
  2. ऐसा प्रतीत होता है कि गांधीजीने इन प्रश्नोंके उत्तर ५ फरवरी, १९२४ को जेलसे छूटनेपर ही दिये होंगे।
  3. ईसाके समय की दो यहूदी जातियाँ।

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