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वक्तव्य : अफीम-सम्बन्धी नीतिपर

व्यक्त करनेके लिए आजाद रहूँगा और यदि आपको अपने लेखनसे समय मिलेगा तब आप उस रूपरेखाके विकासको देखेंगे जो मैंने ऊपर खींची है।[१]

सप्रेम,

हृदयसे आपका,

श्री एस॰ ई॰ स्टोक्स
कोटगढ़
शिमला हिल्स

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८५२७) की फोटो-नकलसे।
 

१८१. वक्तव्य : अफीम-सम्बन्धी नीतिपर

श्री सी॰ एफ॰ एन्ड्रयूजने भारत सरकारकी अफीम-सम्बन्धी नीति के बारेमें 'यंग इंडिया' में लिखे गये अपने लेखोंमें से एक अनुच्छेद मुझे दिखाया है। उसमें उन्होंने मई १९२३ में हुए जेनेवा सम्मेलनमें सरकार के प्रतिनिधि श्री कैम्बेलके कथनको उद्धृत किया है।[२] इसमें श्री कैम्बेलने यह कहा बताते हैं कि "प्रारम्भसे ही भारतने अफीमके प्रश्नपर पूरी नेकनीयती बरती है, और उसके अत्यन्त तीव्र विरोधियोंने, यहाँ-तक कि श्री गांधीने भी, इस विषय में उसकी कभी कोई भर्त्सना नहीं की है।" श्री एन्ड्रयूजने मुझे जो वक्तव्य दिखाया है, वह उस समय लिखा गया था, जब मैं यरवदा जेलमें था। श्री एन्ड्रयूजने बताया कि वे चूँकि आफ्रिका के सम्बन्धमें मेरे विचार जानते थे, इसलिए उन्होंने मेरे विरुद्ध श्री कैम्बेलके अभियोगका प्रतिवाद करनेमें संकोच नहीं किया। किन्तु विषय के महत्त्वको देखते हुए उनकी इच्छा है कि भारत सरकारकी अफीम-सम्बन्धी नीति के विषय में मैं अपनी स्थिति स्पष्ट कर दूँ, और वह इस प्रकार है। मैं स्वीकार करता हूँ कि अफीमके प्रश्नपर मेरा अध्ययन बिलकुल सतही है। किन्तु १९२१ में मद्यपानके विरुद्ध बड़े उत्साहसे ही नहीं, वरन् बड़ी उग्रतासे जो आन्दोलन प्रारम्भ किया गया था, वह केवल मद्यपानके अभिशापके विरुद्ध ही नहीं, सभी मादक द्रव्यों के विरुद्ध था। यह सच है कि उसमें अफीमका अलगसे उल्लेख नहीं किया गया था और कदाचित् असम के अतिरिक्त और कहीं भी अफीमके अड्डोंपर धरना ही दिया गया था, किन्तु जो मद्य-विरोधी आन्दोलनके इतिहास के बारेमें थोड़ा-बहुत भी जानते हैं, उन्हें मालूम है कि सभी प्रकारके मादक द्रव्योंके विरुद्ध, जिनमें चाय तक शामिल थी, अविरत प्रचार किया गया था। असमकी मेरी यात्रामें, असम के असहयोगी नेता

  1. इसका उत्तर स्टोक्सने २५ मार्चको दिया था; देखिए (एस॰ एन॰ ८५८१)।
  2. सम्मेलनमें भारतीय प्रतिनिधिने राष्ट्र संघ द्वारा केवल औषधि निर्माणके लिए कितनी अफीमकी जरूरत है इस सम्बन्धमें जाँच करने और अपनी रिपोर्ट देनेके लिए एक जाँच-मण्डलकी नियुक्ति करने के प्रस्तावका विरोध किया था।