पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/३७९

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२२७. तार : एच॰ ए॰ एल॰ पोलकको[१]

पोस्ट अन्धेरी
२७ मार्च, १९२४

कैलोफ[२]
लन्दन

नेताओंसे मिलने से पहले कौंसिल प्रवेशके सम्बन्धमें राय देनेके लिए तैयार नहीं फिर भी लेख चाहिए तो अगले सप्ताह भेज सकता हूँ। एन्ड्रयूज रवाना न हों।[३]

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८५९६) की फोटो नकल तथा सी॰ डब्ल्यू॰ ५१५९ से।
 

२२८. पत्र : एच॰ एस॰ एल॰ पोलकको

पोस्ट अन्धेरी,
२७ मार्च, १९२४

प्रिय हेनरी,

तुम्हारा तार मिला। तारमें निश्चित निर्देश न होनेसे मैंने उसका अर्थ यह निकाला है कि 'स्पेक्टेटर' मेरा लेख डाकसे माँगता है, तारसे नहीं। आज तुमको जो उत्तर भेजा है वह इस प्रकार है :

नेताओंसे मिलने से पहले कौंसिल प्रवेशके सम्बन्धमें राय देनेके लिए तैयार नहीं फिर भी लेख चाहिए तो अगले सप्ताह भेज सकता हूँ। एन्ड्रयूज रवाना न हों।—गांधी।

‍ मुझे लगता है कि जबतक मैं कौंसिल-प्रवेशके सम्बन्धमें अपने विचार निश्चित रूपसे न बतला सकूँ तबतक कोई लेख भेजना व्यर्थ है। जिन नेताओंने कांग्रेसके कार्यक्रममें परिवर्तन किया है, उनसे बातचीत करनेसे पहले मैं ऐसा करनेमें असमर्थ हूँ। अगले सप्ताह इन लोगोंके यहाँ आनेकी आशा है।

  1. यह पोलकके २२ मार्चके इस तारके उत्तर में भेजा गया था : "लन्दनका स्पेक्टेटर आपका चौदह सौ शब्दोंका लेख माँगता है, जिसमें आपका वर्तमान कार्यक्रम संक्षेपमें दिया हो। उत्तर दें। (एस॰ एन॰ ८५६६)
  2. पोलकका तारका पता।
  3. देखिए अगला शीर्षक।