पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/४२७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

२७५. पत्र : एच॰ एम॰ पेरीराको

पोस्ट अन्धेरी
५ अप्रैल, १९२४

प्रिय पेरीरा,

गत २५ फरवरीका आपका पत्र मिला, धन्यवाद।

आपकी भेजी हुई दिलचस्प कतरन भी मिली। राष्ट्रीय आन्दोलनसे सम्बन्ध रखनेवाली जो भी खबरें मिलें उनकी कतरनें भेजते रहिए।

आपके पिताजीका मुझे भलीभाँति स्मरण है। आप वहाँ क्या कर रहे हैं?

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

श्री एच॰ एम॰ पेरीरा
मैरिक
लॉंग आइलैंड
न्यूयार्क, यू॰ एस॰ ए॰

अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ ८६६६) की फोटो-नकलसे।
 

२७६. पत्र : मु॰ रा॰ जयकरको

पोस्ट अन्धेरी
५ अप्रैल, १९२४

प्रिय श्री जयकर,

आप रामदासकी सार-सँभाल कर रहे हैं इसके लिए मेरा हार्दिक धन्यवाद। मेरा खयाल है कि आज जो नियमित प्रशिक्षण उसे मिल रहा है उससे उसको लाभ पहुँचेगा और उसके चित्तमें स्थिरता आयेगी।

आशा है आपकी माताजीके स्वास्थ्यमें सन्तोषजनक सुधार हो रहा है। कृपया उन्हें मेरा प्रणाम कहें।

हृदयसे आपका,

श्री मु॰ रा॰ जयकर
३९१., ठाकुरद्वार
बम्बई

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८६६७) की फोटो-नकलसे।