पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/४२८

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२७७. पत्र : लाला मुल्कराजको

पोस्ट अन्धेरी
५ अप्रैल, १९२४

प्रिय लाला मुल्कराज,

पहली तारीखका आपका पत्र मिला, धन्यवाद।

देशबन्धु दास अभीतक यहां नहीं आये हैं। पण्डित मालवीयजीको बातचीत अधूरी छोड़कर बनारस चले जाना पड़ा। वे इस मासके अन्ततक यहाँ फिर आ जायेंगे। पण्डित मोतीलालजी यहीं हैं। आजकल चलनेवाला विचार-विमर्श जैसे ही समाप्त होता है, वैसे ही मैं जलियाँवाला बाग स्मारकके बारेमें बातचीत शुरू कर देनेकी आशा करता हूँ। नक्शोंकी मूल-प्रतियाँ हिफाजतसे रखूँगा और काम हो जानेपर वे आपको वापस कर दी जायेंगी।

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

लाला मुल्कराज
अमृतसर

अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ ८६६८) की फोटो-नकलसे।
 

२७८. पत्र : जे॰ एम॰ गोकरनको

पोस्ट अन्धेरी
५ अप्रैल, १९२४

प्रिय श्री गोकरन,

कर्नाटक में कांग्रेस अधिवेशनके स्थान के बारेमें आपका पत्र मिल गया है। मैं श्री गंगाधररावसे इस बारे में पत्र-व्यवहार कर रहा हूँ।[१] जिस विवादका उल्लेख आपने किया है उसे तूल न मिले इस दिशामें यथासम्भव प्रयत्न कर रहा हूँ।

कृपया यह जान लें कि यदि मैं १९२२ में डिक्टेटर था भी तो आज नहीं हूँ।

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

जे॰ एम॰ गोकरन महोदय,
अम्बेवाड़ी, 'डी' ब्लाक
गिरगाँव, बम्बई

अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ ८६६९) की फोटो नकलसे।
  1. देखिए अगला शीर्षक।