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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
(४ मार्च, १९२२ से ७ मई, १९२४ तक)

४ मार्च : गांधीजी अहमदाबाद पहुँचे।

५ मार्च : दोपहर बाद गुजरात प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीकी सभा में गये, जिसकी अध्यक्षता वल्लभभाई पटेलने की।

८ मार्च : शामकी गाड़ीसे अहमदाबादसे अजमेर को रवाना।

९ मार्च : अजमेर में उलेमाओं की सभा में गये। अजमेरसे अहमदाबादको रवाना।

सार्वजनिक सभाओं में भाषण देनेपर लगे प्रतिबन्धका उल्लंघन करने के लिए लाला लाजपतरायको एक वर्षका कठोर कारावास।

भारत मन्त्री, मॉन्टेग्युका इस्तीफा स्वीकृत।

१० मार्च : दोपहर बाद अमदाबाद पहुँचे। शामके १० बजे गिरफ्तार कर साबरमती जेल ले जाया गया।

११ मार्च : 'यंग इंडिया' के लेखों द्वारा जनतामें सरकार के प्रति असन्तोषकी भावना भड़काने के आरोप में गांधीजीको सहायक न्यायाधीशके सामने पेश किया गया। विदा होते समय आश्रमवासियोंसे सभी समुदायोंमें शान्ति और सद्भावनाका प्रचार करनेमें ही पूरी शक्ति लगाने को कहा। देशके नाम सन्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मेरा एक ही सन्देश है और वह है—खद्दर।

१८ मार्च के पूर्व : इंग्लैंड के प्रधानमन्त्री लॉयड जॉर्जने कॉमन सभामें कहा कि ब्रिटिश प्रभुसत्ताको हमें बनाये रखना है और ब्रिटिश नीतिका ध्येय, जैसा कि १९१९ के भारत सरकारके अधिनियमकी भूमिका में कहा गया है, भारतमें एक उत्तरदायी सरकार स्थापित करना है न कि उसे एक उपनिवेशका देना।

१८ मार्च : जेल में असहयोग आन्दोलनके बारेमें 'मैनचेस्टर गार्जियन' के प्रतिनिधिसे भेंट। शाहीबाग के सर्किट हाउस में सेशन इजलासने गांधीजीको ६ वर्ष तथा शंकरलाल बैंकरको एक वर्ष कैदकी सजा दी।

२० मार्च : आधी रात के समय गांधीजी स्पेशल ट्रेनसे साबरमती जेलसे यरवदा जेल ले जाये गये।

२१ मार्च : शामके साढ़े पाँच बजे यरवदा जेल पहुँचे।

२२ मार्च : यरवदा जेलमें चरखा न लाने देनेपर अनशन। शामको चरखा दे दिया गया।

२३ मार्च : शुएब कुरैशीने 'यंग इंडिया' का सम्पादन-भार सँभाला।

१ अप्रैल : च॰ राजगोपालाचारीसे भेंट।

२२ अप्रैल : गंगाधरराव देशपाण्डेसे बातचीत।