पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/९७

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१९. देशभक्तकी गिरफ्तारी

सामग्रीको छपनेके लिए भेजनेके जरा पहले तार द्वारा खबर मिली कि देशभक्त कोंडा वेंकटप्पैया गिरफ्तार कर लिये गये हैं। वे आन्ध्रके लोगोंमें महानतम और श्रेष्ठ हैं। उनका कसूर यह था कि उन्हें अपने सुख-चैनकी अपेक्षा भारत अधिक प्यारा है। मैं देशभक्त कोंडा वेंकटप्पैया और आन्ध्रके लोगोंको बधाई देता हूँ। यह महान् राष्ट्रसेवक जिस विश्रामका अधिकारी है अब वह उसे मिलनेवाला है। हमारे बीचसे उसके हट जानेपर भी हमारा ध्येय फलता-फूलता रहेगा, क्योंकि सरकार उसके शरीरको कारावास में डाल सकती है, उसकी आत्माको हमसे विलग नहीं कर सकती।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, ९–३–१९२
 

२०. विदेशों में प्रचार

मैं देखता हूँ कि कार्य समितिने विदेशों में प्रचार करनेका जो काम अपने हाथमें लिया है उसके सम्बन्ध में लोगों में बहुत गलतफहमी फैली हुई है। इस सिलसिले में कार्य समितिने जो रिपोर्ट स्वीकार की थी उसे प्रकाशित न करना एक भूल थी। रिपोर्ट इस प्रकार है :

अध्यक्ष, कार्य-समिति
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, दिल्ली
महोदय,
गत ३१ जनवरीको सूरतमें कार्य समितिकी जो बैठक हुई थी उसमें निम्नलिखित प्रस्ताव स्वीकार किया गया था :
"कार्य समिति अपना दृढ़ विश्वास व्यक्त करती है कि विदेशों में भारतकी राजनीतिक परिस्थिति के बारेमें तथ्योंका सही रूपमें पेश किया जाना नितान्त आवश्यक है और निवेदन करती है कि महात्मा गांधी द्वारा विदेशोंमें किये गये उस सारे पत्र-व्यवहारको, जो इस समय कार्यकारी मन्त्रीके पास है, देखा जाये। वह गांधीजीसे यह भी अनुरोध करती है कि वे इस विषय में एक निश्चित योजना यथाशीघ्र तैयार करें, जिससे उसपर कार्य-समितिकी अगली बैठकमें विचार किया जा सके।"