पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 24.pdf/२७८

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११९. मु० रा० जयकरको लिखे पत्रका अंश

[१२ जून, १९२४]

...आपने रामदासके बारेमें मुझे पत्र लिखने की कृपा की, धन्यवाद। मैं आपकी इस बातसे सहमत हूँ कि रामदासकी आवाज सुरीली है और वह इस आयुमें भी बहुत प्रगति कर सकता है; किन्तु वह बेचारा अभीतक अपना लक्ष्य स्थिर नहीं कर पाया है। यदि वह बम्बईमें ही बना रहता तो संगीतकी तालीम भी जारी रह सकती थी। वह विशेष रूपसे संगीतके लिए बम्बई नहीं जायेगा। कृपया मेरा तथा उसका धन्यवाद स्वीकार करें।

[ अंग्रेजीसे ]
स्टोरी ऑफ माई लाइफ, खण्ड २

१२०. पत्र: के० माधवन नायरको

१२ जून, १९२४

प्रिय माधवन नायर,

आपने लिखा[१]; बड़ा अच्छा किया। उत्तरके लिए पत्र डा० महमूदके पास भेज दिया गया है। समितिने मेरे विचारोंको पसन्द किया, यह जानकर खुशी हुई।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

अंग्रेजी पत्र (जी० एन० ५६७३) की फोटो-नकलसे।

 
  1. यह पत्र प्राप्त नहीं हुआ।