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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

नहीं है । आप कताईके जरिये चरखेका सन्देश पास-पड़ोसके लोगों तथा मित्रोंतक पहुँचायें। मैं जानता हूँ कि कुछ ऐसे भी मित्र हैं जो इस कार्यक्रमको पूरा करनेकी गुजरातकी क्षमताके बारेमें निराशावादी हैं । ईश्वरपर मेरा जो अटल भरोसा है उसके बाद गुजरात ही मेरी आशाओंका केन्द्र है । इसलिए गुजरात अपनेको अवसरके योग्य सिद्ध करे और इन मित्रोंके निराशावाद तथा अविश्वासका करारा जवाब दे । यदि हम प्रतिदिन एकाग्र होकर आधा घंटा भी अपनी शक्ति कताईमें नहीं लगाते तो मुझे इसमें जरा भी सन्देह नहीं कि हम अहिंसासे स्वराज्य प्राप्त नहीं कर सकेंगे । आप विश्वास रखें कि हमें कौंसिलोंसे स्वराज्य नहीं मिलेगा । बाहर रचनात्मक कार्य किये बिना कौंसिलोंसे कुछ भी लाभ नहीं हो सकता । रचनात्मक कार्यका अन्त स्वराज्यके अन्तका सूचक होगा ।


आगामी बेलगाँव कांग्रेसके अध्यक्षपदके बारेमें बोलते हुए महात्माजीने कहा कि सौभाग्यसे या दुर्भाग्यसे कांग्रेस दलमें फूट पड़ गई है और लोग अन्ध श्रद्धावश विश्वास करते हैं कि एक मैं ही इस फूटको दूर कर सकता हूँ। मैं सदस्योंको सूचित करता हूँ कि श्रीमती सरोजिनी नायडू एक या दो दिनमें जहाजसे बम्बई लौट रही हैं। "बॉम्बे क्रॉनिकल" ने इस वर्ष कांग्रेसके अध्यक्ष पदके लिए उन्हींका नाम प्रस्तावित किया है और में उससे सहमत हूँ ।

मैं चाहता हूँ... कि उन्होंने दक्षिण आफ्रिकामें जो उत्कृष्ट सेवा की है[१] उसको ध्यान में रखते हुए उनका उपयुक्त स्वागत किया जाये। मैं जानता हूँ कि उनमें प्रत्येक व्यक्तिको सन्तोष देनेकी क्षमता नहीं है, फिर भी मैं उनका नाम इस सर्वोच्च सम्मानके लिए प्रस्तावित करता हूँ । देश उनका ऊँचेसे-ऊँचा यही सम्मान कर सकता है । मेरे प्रस्तावका कारण यह है कि महिला होकर भी उन्होंने दक्षिण आफ्रिकामें जो काम कर दिखाया है उसे कोई पुरुष कदापि नहीं कर सकता था । इसके सिवा वे हिन्दू-मुस्लिम एकताकी अग्रदूत भी हैं। यदि आप किसी मुसलमानको अपना अध्यक्ष बनाना चाहते हैं तो डा० अन्सारी इस सम्मानके योग्य दूसरे व्यक्ति हैं ।

यदि आप मेरा नाम रखना चाहते ही हैं तो आप उसे सबसे अन्तमें रखें । मेरे सिरपर बहुतसे उत्तरदायित्वों का भार है, इसलिए यदि मैं उनमें से कुछसे मुक्त हो सकूं तो मुझे प्रसन्नता होगी। मेरे सिरपर उत्तरदायित्व इतने अधिक हैं कि मैं आगे बढ़कर कोई नयी जिम्मेदारी लेते हुए डरता हूँ ।

अध्यक्ष के निर्वाचनके सम्बन्धमें प्रान्तीय कमेटियोंपर आम हवाका असर नहीं पड़ना चाहिए। यद्यपि मैंने अभीतक इस सम्बन्धमें कोई निर्णय [ नहीं ] किया है, फिर भी मुझे आशा है कि मैं अन्तिम चुनाव होने से पहले निर्णय कर लूँगा ।

भाषण समाप्त होनेके बाद महात्माजीने सदस्योंसे कहा कि यदि वे कुछ प्रश्न पूछना चाहें तो पूछें ।

  1. १. देखिए खण्ड २३, पृ४.४३६-३७