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पत्र : नानाभाई इच्छाराम मशरूवालाको

अल्पमत हो तो भी बहुत कुछ किया जा सकता है, लेकिन दिखावटी और नाम मात्रका बहुमत तो आन्दोलनके मार्ग में बाधक ही होगा ।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

मौलाना शौकत अली
[ अंग्रेजीसे ]
महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे ।
सौजन्य : नारायण देसाई

२५७. पत्र : नानाभाई इच्छाराम मशरूवालाको

आषाढ़ बदी ११ [ २७ जुलाई, १९२४][१]

भाईश्री ५ नानाभाई

आपका पत्र मिला। यह बात जमनादास मेहताने[२] मुझसे कही थी। मैं उनसे पत्र लिखकर पूछता हूँ । कहनेवाले कुछ भी कहें, उसकी तो चिन्ता ही नहीं है । हमारा दोष न हो, इतना ही बहुत है ।

आशा है आपने अब चिन्ता करना छोड़ दिया होगा । आपको मेरा पिछला पत्र मिल चुका होगा ।

मोहनदासके वन्देमातरम्

श्री नानाभाई इच्छाराम
अकोला
बरार
मूल गुजराती पत्र (सी० डब्ल्यू० ४३१७) से ।
सौजन्य : कनुभाई मशरूवाला
  1. १. इसपर डाकखानेको मुहर तारीख २९ जुलाई, १९२४ की है। आषाढ़ बदी ११, २७ जुलाईको थी ।
  2. २. जमनादास माधवजी मेहता, बार-एट-लॉ बम्बईके राजनीतिज्ञ ।