आगामी पंजाब सम्मेलन
श्री भरूचाने जो खादी-विक्रेताके रूपमें अब तेजीसे विशेषज्ञता प्राप्त करते जा रहे हैं, खादीकी बिक्रीके लिए पंजाबका सफल दौरा करनेके बाद मुझसे शिकायत की है कि अगले माहके आरम्भमें जो सम्मेलन होनेवाला है, उसकी हलचल और तैयारीके कारण खादीकी बिक्रीमें बाधा पड़नेकी सम्भावना है। मैं तो ऐसी आशा करता था कि इससे बिक्री बढ़ेगी। परिषदों-सम्मेलनोंकी तैयारियोंका मतलब खादीकी और अधिक माँग होना चाहिए। पंजाबमें तो विशेषरूपसे यही होना चाहिए। जब खादी देशके अन्य भागोंमें लगभग नष्ट हो गई थी, उस समय भी पंजाब खादीका उत्पादन और उपयोग कर रहा था और आज पंजाब जितनी खादीका उत्पादन करता है उसकी खपत करना भी उसके लिए कठिन हो रहा है। मैं यही आशा करता हूँ कि मुझे विदेशी या मिलके भी बने कपड़े पहने हुए स्त्री-पुरुषोंसे खचाखच भरे पण्डालका लज्जोत्पादक दृश्य नहीं देखना पड़ेगा। पंजाबको चाहिए कि वह श्री भरूचाकी आशंकाको अनुचित सिद्ध कर दे।
यंग इंडिया, २०-११-१९२४
२९३. कसौटीपर
मेरे और स्वराज्यवादियोंके बीच जो समझौता हुआ है, उसपर अपरिवर्तनवादी लोगोंको बड़ा गहरा असन्तोष है। यह कोई आश्चर्यकी बात नहीं है। मैंने बार-बार यह स्वीकार किया है कि मैं तो अहिंसा- शास्त्रका एक तुच्छ अन्वेषक मात्र हूँ। उसकी निगूढ़ गहराइयाँ कभी-कभी मुझे भी उतना ही स्तम्भित कर देती हैं, जितना स्तम्भित मेरे साथी कार्यकर्त्ताओंको कर देती हैं। मैं देखता हूँ कि अभी तो यह समझौता सिवा मेरे और स्वराज्यवादियोंके, किसीको सन्तुष्ट करता नहीं जान पड़ता। बहुत-से अंग्रेज सज्जन मानते हैं कि मैंने बड़े लज्जास्पद ढंगसे स्वराज्यवादियोंके सामने समर्पण कर दिया है। बहुत-से अपरिवर्तनवादी इसे मित्रद्रोह नहीं तो एक भारी भूल अवश्य मानते हैं। एक मित्र लिखते हैं कि इससे विद्यार्थी-वर्ग तो बिलकुल किंकर्तव्यविमूढ़ रह गया है। विद्यार्थी पूछते हैं कि यदि असहयोग आन्दोलन स्थगित कर दिया जाता है तो फिर वे राष्ट्रीय स्कूलोंमें क्यों रहें। असहयोगमें सबसे ज्यादा हानि उन्हीं की हुई है और इस समझौतेमें उनका खयाल बिलकुल भुला दिया गया है। आन्ध्रसे एक मित्रने मुझे पत्र भेजा है। यह ध्यान देने लायक है और ऐसा है जिसका युक्ति-संगत उत्तर देना जरूरी है।
समर्पण तो मैंने किया ही है, लेकिन यह विवेकपूर्ण समर्पण है और एक अंग्रेजी पत्रमें जो यह कहा गया है कि यह हिंसावादी दलके सामने समर्पण है, सो सही नहीं है। मैं नहीं मानता कि स्वराज्यदल हिंसावादियोंका दल है। मैं जानता हूँ कि ऐसे