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३१६. तार: जवाहरलाल नेहरूको[१]

साबरमती
२८ नवम्बर, १९२४

नेहरू
इलाहाबाद

बच्चेकी मृत्युसे दुःख हुआ। ईश्वरेच्छा वलीयसी।

गांधी

[ अंग्रेजीसे ]
ए बंच ऑफ ओल्ड लेटर्स

३१७. तार: डा० सत्यपालको[२]

[ २९ नवम्बर, १९२४ या उसके पश्चात् ]

मोतीलालजी या मौलाना असमर्थ हों तो मैं अध्यक्षता करूँगा।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ११७४४) की फोटो-नकलसे।

  1. श्री जवाहरलाल नेहरूका पुत्र जन्मके लगभग एक सप्ताह बाद ही मर गया था। यह तार उसी अवसरपर भेजा गया था।
  2. यह डा० सत्यपालके तारके जवाबमें भेजा गया था, जो २९ नवम्बर, १९२४ को प्राप्त हुआ था। डा० सत्यपालने गांधीजीको सूचित किया था कि मोतीलालजी सम्मेलनकी अध्यक्षता नहीं कर सकेंगे और अनुरोध किया था कि गांधीजी अध्यक्षता करना स्वीकार कर लें क्योंकि पंजाबकी हालत कुशल मार्ग-दर्शनकी अपेक्षा रखती है और उनके स्वीकार न करनेपर सम्मेलन विफल हो जायेगा। साथ ही गांधीजीसे यह अनुरोध भी किया गया था कि पंजाबकी समस्याओंको हल करनेके लिए वे अन्य नेताओं को भी ले आयें।