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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जय-जय ध्वनिके बीच दास महोदय मंचारूढ़ हुए। 'देशबन्धु दास।'-- तत्काल महात्माजीने सबको उनका आगमन सूचित किया और कहा:

मालवीयजीने मुझे अभी पंगाम भेजा है और मुझे अफसोस है कि मैं भूल गया। लाला कन्हैयालालजी लाहौरीका स्वर्गवास इसी वर्षमें हुआ है। लाला कन्हैयालालका नाम आपने सुना होगा। वे बुजुर्ग थे, डायरशाही के जमानेमें इन्होंने देशकी बड़ी सेवा की थी।

[ अंग्रेजीसे ]
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके ३९वें अधिवेशनकी रिपोर्ट।

३८४. प्रस्ताव: कलकत्ता-समझौते तथा कताई-सदस्यताके बारेमें

२६ दिसम्बर, १९२४

क. (१) यह कांग्रेस एक ओर महात्मा गांधी तथा दूसरी ओर स्वराज्य दलकी ओरसे देशबन्धु चित्तरंजन दास और पण्डित मोतीलाल नेहरूके बीच हुए निम्नलिखित समझौतेकी पुष्टि करती है।

समझौता[१]

(२) कांग्रेस आशा करती है कि इस समझौतेसे कांग्रेसकी दोनों शाखाओंमें सच्ची एकता आयेगी और यह समझोता अन्य राजनीतिक संगठनोंके सदस्योंके कांग्रेसमें शामिल हो सकनेमें भी सहायक होगा। नये अध्यादेश या १८१८ के विनिमय ३के अन्तर्गत गिरफ्तार किये गये स्वराज्यवादी तथा अन्य लोगोंको कांग्रेस बधाई देती है। कांग्रेसका मत है कि जबतक भारतके लोगोंमें अपने सम्मान और अपनी स्वतन्त्रताकी रक्षा करने की क्षमता नहीं होगी, तबतक ऐसी गिरफ्तारियाँ अवश्यम्भावी हैं और उसका यह भी मत है कि देशकी वर्तमान परिस्थितियोंमें ऐसी क्षमताका विकास करनेके लिए जरूरी है कि विदेशी वस्त्रोंका पूर्ण बहिष्कार करनेका जो निश्चय बहुत दिनोंसे टलता आ रहा है, अब उसे लागू किया जाये; और इसीलिए इस राष्ट्रीय उद्देश्यको प्राप्त करनेकी जनता की सच्ची इच्छा और संकल्पके प्रतीकके रूपमें कांग्रेस सदस्यता के लिए कताईकी शर्त लागू किये जानेका स्वागत करती है और हर स्त्री-पुरुषसे अपील करती है कि वह इस अवसरका लाभ उठाये और कांग्रेसमें शामिल हो।

(३) ऊपर कही गई बातको ध्यानमें रखते हुए कांग्रेस प्रत्येक भारतीय स्त्री-पुरुषसे सब विदेशी वस्त्रोंका त्याग करने और केवल हाथके कते और हाथके बुने खद्दरका ही उपयोग करने और पहननेकी अपेक्षा करती है। इस उद्देश्यको अविलम्ब

  1. समझौतेका पाठ यहाँ नहीं दिया जा रहा है। देखिए "गांधीजी और स्वराज्यवादियोंका संयुक्त वक्तव्य", ६-११-१९२४।