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भाषण: बेलगाँव कांग्रेसमें शोक-प्रस्तावपर

फिर जारी किया जायेगा। मैंने बार-बार कहा है कि सत्याग्रह कभी असफल नहीं होता और एक ही सर्वांगपूर्ण सत्याग्रही सत्यको प्रतिष्ठित कर देनेके लिए काफी होता है। इसलिए हम सब सच्चे सत्याग्रही बनने का प्रयत्न करें। इसके लिए ऐसे किसी भी गुण या योग्यताकी जरूरत नहीं, जो हममें से अदनासे-अदना व्यक्ति भी हासिल न कर सके। कारण, सत्याग्रह हमारी आत्माका ही एक गुण है। वह हम सबके अन्दर छिपा हुआ है। स्वराज्यकी तरह ही उसपर भी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। तो अब हम सब उसको पहचानें।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, २६-१२-१९२४

३८३. भाषण: बेलगाँव कांग्रेसमें शोक प्रस्तावपर

२६ दिसम्बर, १९२४

जब अध्यक्षने पहला प्रस्ताव पेश किया उस समय शामके ४ बजकर ५ मिनट हुए थे। उन्होंने कहा:

मैं अब पहला प्रस्ताव पढ़ूँगा। जब मैं इसे पढ़ चुकूँ तो आप सब कृपया खड़े हो जायें। प्रस्ताव बहुत सीधा-सादा है; जो लोग अब हमारे बीच नहीं रह गये हैं, उनकी मृत्युपर इसमें शोक प्रगट किया गया है।

यह कांग्रेस बी-अम्माँ, सर आशुतोष चौधरी, सर आशुतोष मुखर्जी, श्री भूपेन्द्रनाथ बसु, डा० सुब्रह्मण्य अय्यर, श्री दल बहादुर गिरि, श्री गोविंद वेंकटेश याल्गी, श्री वामनराव मोहर्रिर, श्री टी० वी० गोपालस्वामी मुदालियर, श्री सी० वी० पी० शिवम् और लाला कन्हैयालालजी तथा साथ ही दक्षिण आफ्रिकामें सर्वश्री रुस्तमजी जीवनजी घोरखोदू और पी० के० नायडूकी मृत्युपर दुःख प्रकट करती है और इनके शोकाकुल परिवारोंके साथ सादर सहानुभूति प्रकट करती है।


इसके बाद अध्यक्षने प्रस्तावको हिन्दीमें समझाया।[१]

इस प्रस्तावमें बी-अम्माँ और दूसरे भाइयोंकी---जिनके नामोंका इसमें उल्लेख है---मृत्युपर हम अफसोस जाहिर करते हैं और उनके रिश्तेदारोंसे हमदर्दी प्रकट करना चाहते हैं। मैं जानता हूँ कि इसमें किसीको शिकायत नहीं हो सकती। इसलिए आप कुछ मिनट खड़े होकर, जब मैं बैठ जाऊँगा तब बैठ जायें। यह इस प्रस्तावका स्वीकार करना है।

सब खड़े हो गये। बीचमें कहींसे आवाज आनेपर महात्माजीने कहा:

बीचमें जितने हैं सब खड़े हो जायें। एक भी बैठा न रहे। शान्तिसे रहें। मैंने कहा, किसीको बात नहीं करनी चाहिए, सब शान्तिसे रहें। हम अपने अन्दर अदब बताना चाहते हैं तो सब शान्तिसे कुछ सेकंडके लिए खड़े रहें।

२. इसके बादका अंश किंचित् परिवर्तनके बाद कार्यवाहीकी हिन्दी रिपोर्टसे लिया गया है। Gandhi Heritage Porta

  1. इसके बादका अंश किंचित् परिवर्तनके बाद कार्यवाहीकी हिन्दी रिपोर्टसे लिया गया है।