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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सवाल है, यह तो कोई आत्मा का नहीं है। अगर आप पसन्द करते हैं, तो राय दें; नहीं करते तो न दें। अगर चलाना चाहते हैं चरखा, तो हो सकता है। एक दूसरे "नो-चेंजर" भी हैं जो कुछ कहना चाहते हैं, लेकिन मैं उनको तकलीफ नहीं देना चाहता। इतने स्वराजी भाइयोंको बोलनेका मौका दे दिया, और वक्त नहीं रहा। हमारे बहुत-से भाइयोंको शक था। उनका एक खत मेरे पास है। शकको रफा करने की यही तरकीब थी कि उनको मौका दिया जाये कि वह अपनी बात कह दें।

जैसी सचाईसे देशबन्धु दास और दूसरे लोगोंने कहा उससे कहाँतक लोग अच्छाई लेंगे? भाई अभ्यंकरने कहा कि मेरा उनका एक मत नहीं है फिर भी उन्होंने चरखेके पक्षमें मत दे दिया। पण्डितजी कहते हैं कि जैसा मैं चरखेमें विश्वास करूँगा वैसा वह भी। लिख दिया है और वह लिखेको मानते हैं; ऐसा विश्वास होना चाहिए कि उनका शक दूर होगा। एक बात जरूरी है कि "नो चेंजर" उनका और वे "नो-चेंजर" का विश्वास करें; इसलिए दोनों विश्वास करें एक-दूसरेका, क्योंकि ऐसा यहाँ लिखा हुआ है। इसलिए राय ले लेना चाहता हूँ। जरूरी है कि एक-दूसरेको दोनों भाई समझें; और जैसा देशबन्धु दासने सुनाया एक चीजसे देशका भला है, हम ऐसा मानते हैं और दूसरी चीजसे भला होगा ऐसा [भी] मानते हैं। एक बात हम सब घरमें रहकर मानते हैं, एक उपमा भाई केलकरने दी थी। एक मैं दूँगा कि एक चक्का नहीं चल सकता। जब एक गाड़ीके दोनों चक्के ठीक हैं, दृढ़ हैं तो आगे गाड़ी चलती है, नहीं तो पतित हो [बैठ] जाती है। इसलिए हमारी राय है कि आप लोगोंको चाहिए कि हमारे दिलोंको साफ करें। मौलाना शौकत अली आयेंगे तो कहेंगे कि बहादुर बनो, दूसरे और बातें कहेंगे। तो दूसरेका शक रखना डरपोक आदमीका काम है; जो मनुष्य डरता नहीं वह अपने दुश्मनका भी भरोसा करता है। अगर आप इस प्रस्ताव को मंजूर करना चाहते हैं तो एक-दूसरेमें किसी तरहका अविश्वास न करें, खटका मिटा दें। इतना कहनेके बाद, मुझे शक है कि अंग्रेजीमें सुनानेकी भी जरूरत है। अगर कोई भाई चाहें तो सुना दूँ। मगर मैं समझता हूँ कि जरूरत नहीं है। ("नहीं, नहीं" की आवाजें)।

अब मैं यह "रिजोल्यूशन" (प्रस्ताव) आपके सामने रखता हूँ और आपकी राय लेना चाहता हूँ, लेकिन राय लेते हुए यह समझा देना चाहता हूँ कि जो पहले शुरू किया था कि आप इसको प्रतिज्ञा समझें---अपनेको, मेरेको, खुदाको साक्षी रखें। यह बात भयंकर होगी अगर [कोई] भाई चाहते हैं कि प्रतिज्ञा करके काम न करें। आप चरखा चलायेंगे। चरखा चलानेमें दिक्कत है, चरखा चलाना पसन्द नहीं है तो दूसरेसे लेकर सूत दे दें; अगर यह भी नहीं करते तो वोट न दें। और अगर आप चाहते हैं कि साथ-साथ काम करें तो इस "रिजोल्यूशन" (प्रस्तावको) मंजूर करना जरूरी है। अगर आप यह नहीं चाहते---चरखेको "फ्रेंचा-इज" (सदस्यताकी शर्त) में नहीं चाहते तो आप हर्गिज [पक्षमें] वोट न दें। इसमें मुझे किसीसे रंज न होगा, जैसा दूसरी तरहसे [होगा], जब कहकर न करेंगे। तो मैं कहूँगा कि अगर आपके दिलमें रहम है मेरे लिए, तो आप अपनी बातको पूरा करेंगे। जो वोट न देंगे, वह भी धोखा देंगे, ऐसा नहीं।