पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/६६५

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४३८. अब्राह्मण क्रॉनिकल' ने बेलगाँवमें हुए अब्राह्मण सम्मेलनके बारेमें मुझसे अपनी सक्रियता या निष्क्रियताका स्पष्टीकरण करनेको कहा है । इस सम्मेलनके सम्बन्धमें कांग्रेसी 'नेताओंकी उपेक्षाकी शिकायतें सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ है । अपने सम्बन्धमें तो मैं यही कह सकता हूँ कि मैं बेलगाँवमें जिस कार्यके लिए गया था उसके उचित सम्पादनको ध्यान में रखते हुए, मुझसे जहाँतक सम्भव था, सभी सम्मेलनोंमें जानेका प्रयत्न कर रहा था। मुझे बताया गया है कि वहाँ जो अब्राह्मण सम्मेलन किया गया, वह मौलाना मुहम्मद अलीके आमंत्रणपर नहीं किया गया था । वह कांग्रेस अधिवेशनकी हृदमें भी नहीं हुआ था । जहाँतक मैं जानता हूँ, उसके सम्बन्धमें किसी कांग्रेसीसे सलाह नहीं ली गई थी। सम्मेलनके समय और स्थानकी जानकारी मुझे एक प्रवेश-पत्र से मिली थी; किन्तु उस तरहके तो, न जाने कितने प्रवेश-पत्र मेरे पास आते रहते थे। फिर भी मैं उसमें जानेके लिए उत्सुक था और यह प्रयत्न कर रहा था कि अपने दूसरे कार्यक्रमोंको निभाते हुए उसमें जा सकूँ । दुर्भाग्यसे मैं उस समय काममें लगा हुआ था, सो जब सम्मेलन चल रहा था, तब मैं उस कामको छोड़कर उसमें नहीं जा सका। जब मेरा काम खत्म हुआ और मैंने पूछा, तब पता चला कि सम्मेलन तो खत्म हो चुका है । मैं ये बातें केवल यह दिखाने के लिए बतला रहा हूँ कि सम्मेलनके प्रति मैंने कोई अरुचि या अशिष्टता नहीं दिखाई। जो बात मुझपर लागू होती है वहीं अन्य अधिकांश नेताओंपर भी लागू होती है । मेरी राय में सम्मेलनके संगठनकर्त्ताओंका यह कर्त्तव्य था कि वे सम्मेलनका समय मुझसे पूछकर ऐसा रखते जिससे मैं उसमें जा सकता । तब मैं दूसरे कांग्रेसी नेताओं का भी वहाँ पहुँचना सम्भव बना देता । मौलाना मुहम्मद अलीके आमंत्रणका प्रयोजन केवल इतना नहीं था कि बिना कुछ सोचे-विचारे सभी अन्य सम्मेलन कांग्रेस सप्ताह के दौरान ही आयोजित किये जायें। उसका उद्देश्य तो सब पक्षोंका हार्दिक सम्मिलन था । मैं अब्राह्मण सम्मेलनके संगठनकर्त्ताओंपर दोषा- रोपण नहीं कर रहा हूँ । मैं तो केवल यह दिखानेका प्रयत्न कर रहा हूँ कि कांग्रेसी नेता यदि सम्मेलनमें जा सकते और उनको उसका मौका दिया जाता तो वे खुशीसे जाते । इन पंक्तियोंको लिखनके बाद मैंने श्री गंगाधर रावका स्पष्टीकरण देख लिया है, इससे स्थिति और भी स्पष्ट हो जाती है । [ अंग्रेजीसे ] यंग इंडिया, १५-१-१९२५ Gandhi Heritage Portal