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१००. तार : मुख्तार अहमद अंसारीको

२५ फरवरी, १९२५

डा० अंसारी
दरियागंज
दिल्ली

शुक्रवारकी रातको नागदा मेलसे पहुंच रहा हूँ। हकीमजी, मुहम्मद अलीको खबर दीजिए। शायद रघुवीरसिंहके पास ठहरूँ।

गांधी

अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० २४५६) से।

१०१. तार: चौंडे महाराजको

२५ फरवरी, १९२५

चौंडे महाराज[१]
वाई

शुक्रवारको दिल्ली पहुँच रहा हूँ। क्या आप आ रहे हैं?

गांधी

अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० २४५६ ) से।

१०२. पत्र: फूलचन्द शाहको

सत्याग्रह आश्रम
साबरमती
फाल्गुन सुदी ३ [२५ फरवरी, १९२५][२]

चि० फूलचन्द,

तुम्हारा पत्र मिला। तुमने जो कुछ लिखा है वह बिलकुल ठीक है। हमारे जीवनमें अतिशयोक्ति और निन्दा बहुत बढ़ गई है।

तुम पट्टणी साहबको पत्र लिखोगे, यही प्रायश्चित्त पर्याप्त होगा।[३]

 
  1. महाराष्ट्र के एक साधु, जिन्होंने गोरक्षा कार्य में अपना जीवन लगा दिया।
  2. डाकखानेकी मुहरसे।
  3. देखिए "पत्र: प्रभाशंकर पट्टणीको", १०-२-१९२५ से पूर्व तथा "पत्र: फूलचन्द शाहको", १०-२-१९२५।